Book Title: Satyartha Chandrodaya Jain arthat Mithyatva Timir Nashak
Author(s): Parvati Sati
Publisher: Lalameharchandra Lakshmandas Shravak
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पञ्चपरमेष्टिने नमः। श्रीअनुयोगद्वार सूत्रमें आदि ही में वस्तुके स्वरूपके समझनेके लिएवस्तुके सामान्य प्रकार सेचार निक्षेपे निक्षेपने (करने)कहे हैं यथा नाम निक्षेप १ स्थापनानिक्षेप २ द्रव्यनिक्षेप ३ भाव निक्षेप ४ अस्यार्थः-नामनिक्षेप सो वस्तुका
आकार और गुण रहित नाम सो नामनिक्षेप १ स्थापना निक्षेप सो वस्तुका आकार और नाम सहित गुण रहित सो स्थापना निक्षेप २ द्रव्य निक्षेप सो वस्तुका वर्तमान गुण रहित अतीत अथवा अनागत गुण सहित और आकार नाम भी सहित सो द्रव्य निक्षेप ३ भाव निक्षेप सो वस्तुका नाम आकार और वर्तमान गुणसाहत सो भाव निक्षेप ।