Book Title: Sarvodayi Jain Tantra Author(s): Nandlal Jain Publisher: Potdar Dharmik evam Parmarthik Nyas View full book textPage 9
________________ vüi 81-99 12. जैन तत्र की प्रभावकता का सवर्धन । 13. सम-सामयिक समस्यायें और जैन धर्म (अ) जाति, कुल और धर्म (ब) महिलाये और जैन तंत्र संवर्धन में उनका योगदान (स) युद्ध और राजनीति (द) सामाजिक विषमता और जैन समाजवाद (य) पर्यावरण सरक्षण 14. परीक्षा की घडी . सर्वोदयी जैन तत्र परिशिष्ट 1. सन्दर्भ सामग्री 2 सारणी-2 जैन तत्र के मौलिक सिद्धान्तो का विवरणPage Navigation
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