Book Title: Sarvodayi Jain Tantra
Author(s): Nandlal Jain
Publisher: Potdar Dharmik evam Parmarthik Nyas

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Page 65
________________ 64 / सर्वोदयी जैन तंत्र निर्मित जैन मूर्तिया विदेशों में बने जैन मंदिरों में भी प्रतिष्ठित की जा रही है (कीनिया, लेस्टर, सिद्धाचल, शिकागों, सांफ्रासिस्को आदि)। जैनों में स्थापत्य कला के अन्तर्गत मदिर निर्माण कला भी उत्कृष्ट कोटि की पाई जाती है। ये मदिर अपने स्थापत्य की डिजाइन के आधार पर क्षेत्र विशेषों की दृष्टि से विशेषित किये जा सकते हैं। मदिर पूजा के स्थल होते हैं, जहां जैन मूर्तिया और उनके शासक और सरक्षक देवी . देवता पत्थर या सगमरमर की बनी भव्य वेदियों पर यथास्थान विराजित रहते हैं। खजुराहो, देवगढ, आबू, राणकपुर आदि स्थानो में मदिरों मे अचरजकारी नक्काशी भी पाई जाती है। हस्तिनापुर, मथुरा आदि स्थानो पर बने मंदिरो में उनके सामने स्तूप बने होते है जो मंदिर परिसर की भव्यता प्रदर्शित करते हैं। बहुतेरे मदिरों के सामने मानस्तभ के स्तभ होते हैं जो कषायों या अशुभ मनोभावो के विदलन को प्रेरित करते हैं। ये जैन मदिर निर्माण कला की विशेषता हैं। उडीसा, विहार और दक्षिण भारत में पत्थर और चट्टानों में गुफामंदिर भी बनाये गये हैं। कुछ गुफामंदिर पालिस किये पत्थर के बने हाते हैं और उनमे पत्थर का ही नीला चबूतरा होता है जो सल्लेखना या समाधि स्थल होने का संकेत देते हैं। ये समाधि स्थल भी मंदिरों के समान पूज्य माने जाते हैं। सम्मेद शिखर पर्वत, इसीलिये, वदनीय माना जाता है। जैन मंदिर नागर और द्रविड शैली की कला के प्रतीक हैं। ये मदिर सामान्य जैन बस्तियों के अतिरिक्त, कुछ विशेष स्थानों पर भी बनाये जाते है जो मदिर-नगर के रूप में विकसित हो जाते हैं। ऐसे नगरो मे पालीताना, अहार, कुडलपुर, राजगिर आदि नगर प्रसिद्ध है। यह मंदिर निर्माण कला आज भी प्रतिष्ठित रूप में अविरत रूप में प्रगतिपथ पर चल रही है। __ अनेक मदिरो की भीतरी दीवारों पर एव गुफाओं में पेन्टिंग की कला भी प्रदर्शित की जाती है। इसमे धार्मिक एवं पैराणिक कथायें, तीर्थकरो के जीवन की प्रमुख घटनायें, माताओं के स्वप्न, पौराणिक दृश्य तथा चित्र कथाये होती है। इसी प्रकार ताडपत्रीय लेखन की कला भी जैनों में प्रसिद्ध रही है। अनेक जैन शास्त्र-भण्डारो में इसके मनोरम रूप देखने को मिलते हैं। लकड़ी की कशीदाकारी की कला भी अनेक मंदिरों में देखी जाती है। यह कला गुजरात में बहुत प्रचलित है। घरों में पाये जाने वाले देवालयों

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