Book Title: Sarvodayi Jain Tantra
Author(s): Nandlal Jain
Publisher: Potdar Dharmik evam Parmarthik Nyas

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Page 99
________________ 98 / सर्योदयी जैन तत्र 32. जैन, एन0 एल0. जैन जर्नल, अप्रैल, 1989 33 युवाचार्य, महाप्रज्ञ; कर्मवाद, आदर्श साहित्य सघ, चुरू, 1985 पे) 159 34. वही, पे.38 35. सदर्भ 29 पे) 1831 36. प्रियदर्शन; स्टोरी, स्टोरी, विश्व दर्शन ट्रस्ट, महसाणा, 1987 पे० 37. टोबायास, माइकेल, लाइफ फोर्स, एशियन हयुमेनिटीज प्रेस, बर्कले, कै0 1991 38. आचार्य कुदकुद, भावप्राभृत, दि०जैन सस्थान, महावीर जी, 1967 पे0 431-34 39. कोठारी, डी एस) : साइस एंड रिलीजियन, राजकृष्ण ट्रस्ट, दिल्ली 1977, 40 जैन, एस के. और जैन, सी) के, व्यक्तिगत पत्राचार 41. मेहता, जे0यू0. दी पाथ आफ अर्हत्, पार्श्वनाथ विद्याश्रम, वाराणसी, 1992 पे.-114 42 चटर्जी, ए0के0 . कम्प्रेहैसिव हिस्ट्री आफ जैनीज्म, भाग 1-2, के. एल0एम. कलकत्ता 1974/1984 43. जैन, गोकुल प्रसाद, नवनीत, ऋषि प्रकाशन, झासी, 1996 पे0 2 8 44 आचार्य, रजनीश,महावीर, मेरी दृष्टि मे, रजनीश प्रकाशन, पुणे, 1989 'बोरदिया, हीराबाई, जैनधर्म की प्रमुख साध्विया और महिलाये, पार्श्वनाथ विद्याश्रम, वाराणसी, 1991 46. कासलीवाल कस्तूरचन्द्र; खडेलवाल जैन जाति का इतिहास, इतिहास प्रकाशन संस्थान, जयपुर 1992 47 मदान, टी एम, टाइम्स आफ इडिया, अक्तूबर 16,1996 48 जैन, गोकुल प्रसाद, विदेशो मे जैन धर्म, भा० दि० जैन महासभा दिल्ली, 1997

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