Book Title: Sarvodayi Jain Tantra
Author(s): Nandlal Jain
Publisher: Potdar Dharmik evam Parmarthik Nyas

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Page 31
________________ 30 / सर्वोदयी जैन तत्र के लिये 108 गुटिका वाली माला का जाप इसीलिये, जैनतत्र में बहुत लोकप्रिय है। गृहस्थो एव पाच परमेष्ठियो के कुल 170 गुण बताये गये है जो एक रैखिक चित्र बनाते है। साथ ही, आचार्यों ने मनोविश्लेषण पूर्वक गणित की प्रक्रिया से 18000 शील और 84 लाख गुण बताये हैं। यह परिमाणीकरण की प्रवृत्ति, निश्चित रूप से, जैन तत्र को विश्वसनीयता प्रदान करती है। इससे यह भी सकेत मिलता है कि जैन आचार्यों ने सुखवर्धक गुणो की ओर, पापवर्धक दोषों की तुलना में, अधिक ध्यान दिया है। यह प्रवृत्ति जैन तत्र के उस उद्देश्य के अनूकूल है जिसके अनुसार वह व्यक्ति, समाज और सभी प्राणियो का सुख सम्वर्धन चाहता है । यह उद्देश्य ही इस तत्र का सर्वोदयी रूप है। 3. जैन तंत्र की वैज्ञानिकता सभी भारतीय तत्रो मे सामान्यत. विद्या की एक ही देवी सरस्वती मानी जाती है जो भौतिक और आध्यात्मिक ज्ञानो की एकता की प्रतीक है। यह भौतिक विज्ञानो और अध्यात्म प्रमुख धर्म मे विशेष अंतर नही करती । वे एक ही अस्तित्व के दो रूप है। इसीलिये विज्ञान को भी धर्म या दर्शन के समान मानव की एक विशिष्ट मानसिक प्रवृत्ति माना जाता है जिसमे निरीक्षण, परीक्षण, निर्णय एव अभिलेखन या स्मरण की प्रक्रियाये काम करती है। ये प्रक्रियाये जैन दर्शन मे दृश्य जगत के ज्ञान के लिये वर्णित अवग्रहादि चार चरणो के अनुरूप है। विज्ञान की बस्तुनिष्ठता, व्यक्ति निरपेक्षता और पुनरावर्तनीयता उसे विश्वसनीयता प्रदान करती है। वैज्ञानिक विधियो मे मात्र व्यक्तिनिष्ठता नही होती, इसीलिये वह सार्वत्रिक रूप से . अनुप्रयोजनीय होता है । यद्यपि धर्म भी सार्वजनीनता की ओर लक्षित होता है पर यह मनोवैज्ञानिक एव नैतिक क्षेत्र को प्रमुखता देता है। फिर भी, यह कहना चाहिये कि यह भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में प्रभावी सफलता के समान आध्यात्मिक क्षेत्र मे सफल नही हो पाया है। तथापि यह स्पष्ट है कि विज्ञान और धर्म दो दुहिता तंत्र है और एक दूसरे के पूरक हैं। फिर भी, विज्ञान जिज्ञासु की मनोवृत्ति, पूर्वाग्रहरहितता, परपरा एवं विश्वासो के प्रति विमोहता, उपयोगी ज्ञान के प्रति आदरभाव एव स्वतंत्र साहसिकता के कारण धर्म से विशिष्टता प्रदर्शित करता है। विज्ञान के इस दृष्टिकोण ने परम्परागत ज्ञान के प्रति अनेक क्षेत्रो मे आस्था जगाई है। इसी से यह

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