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शुभकामना : संदेश २५-३-१९८६
आर्या साध्वी श्री शशिप्रभाश्रीजी
सेवा में नतमस्तक वन्दन स्वीकृत हो। यह आप जैन साहित्य के सृजन, भगवान महावीर की जानकर अत्यन्त हर्ष हुआ कि आर्यारत्न प्रवर्तिनी वाणी के प्रचार व आत्मकल्याण में सर्वोपरि हैं। श्री सज्जनश्रीजी महाराज अभिनन्दन ग्रन्थ का जिनेश्वर देव से प्रार्थना है आप शतायु हों। प्रकाशन हो रहा है और यह समारोह दिनांक आपकी वाणी व कार्यों से निरन्तर समाज सेवा व २० मई १९८६ को जयपुर में होगा।
धर्म सेवा होती रहे । अभिनन्दन समारोह की प्रवतिनीजी ने अपने दीक्षित जीवन के गत सफलता की कामना करता हूँ। ४७ वर्षों में जैन समाज की अटूट सेवा की है। आप अपने में, आज भारत की समस्त जैन समाज
आपका की साध्वी समुदाय में अपना एक अनूठा स्थान -एस0 मोहनचन्द ढढ्ढा (मद्रास) रखती हैं । आपका व्यक्तित्व व कृतित्व बेजोड़ है ।
श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की कार्यसमिति (१६८८-६१)
१. श्रीमती जतन कंवरजी गोलेच्छा अध्यक्ष २. श्री उमरावचन्दजी डागा उपाध्यक्ष १७. श्री त्रिलोकचन्द गोलेछा ३. श्री शेरसिंहजी जिन्दाणी उपाध्यक्ष १८. श्री नेमीचन्द भंसाली ४. श्री उत्तभचन्दजी बडेर
संघ मंत्री १६. श्री नथमलजी लोढा ५. तिलक राजजी जैन
सह मंत्री २०. श्री प्रकाशचन्दजी खवाड़ ६. श्री राजेन्द्रकुमारजी जैन कोषाध्याक्ष २१. श्री प्रकाशचन्दजी बांठीया ७. श्री सुभाषचन्दजी कांस्टीया सांस्कृतिक मंत्री २२. श्री पदमचन्दजी पंगलिया ८. श्री संतोषचन्दजी डागा
भंडारक २३. श्री प्रतापचन्दजी महता ६.श्री पदमचन्दजी गोलेछा मंत्री मंदिर व दादाबाड़ी २४. श्री प्रतापचन्दजी लूनावत १०. श्रीमती मोनादेवीवैद मन्त्री-महिला विभाग २५. श्री प्रेमचन्दजी श्री श्रीमाल ११. श्री जतनमलजी सुराना मन्त्री-बर्तन वि० २६. श्री मोहनलालजी डागा १२. श्री अशोककुमार जी बोहरा सदस्य २७. श्री माणकचन्दजी गोलेच्छा १३. श्री इन्दुमलजी भंडारी
सदस्य २८. विजयकुमारजी संचेती १४. गिरधारीलालजी टांक
सदस्य २६. श्री विमलचन्दजी सुराणा १५. श्री गुमानमलजी लूनिया
सदस्य ३०. श्री हेमचन्दजी चौरडीया १६. श्री चन्द्रप्रकाशजी बैगानी
सदस्य ३१. श्री हीरालालजी पारख 00
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