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श्री कालूरामजी बाफना ( उपाध्यक्ष- --श्री अखिल भारतीय खरतरगच्छ महासंघ, बालाघाट )
तीर्थंकर महावीर के दर्शन के प्रचार / प्रसार के साथ-साथ आत्मकल्याण में संलग्न साध्वियों में प्रवर्तिनी श्री सज्जन श्री जी म. सा. का नाम अग्रगण्य है ।
आपश्री का विनयी, शांत, निरभिमानी एवं मधुरभाषी स्वभाव आपके द्वारा आगम-ज्ञान का गहन अध्ययन एवं उसे दिनचर्या में उतारना दर्शाता है ।
वात्सल्य, करुणा, क्षमा की मूर्ति प्रवर्तिनी श्री सज्जनश्रीजी महाराज साहिबा का अभिनन्दन वस्तुतः आपश्री के तप, त्याग एवं संयम का गुणानुवाद है । सं. २०४६ की वैशाख पूर्णिमा को जैन
श्वे० खरतरगच्छ संघ जयपुर द्वारा आयोजित अभिनन्दन समारोह भगवान महावीर द्वारा प्रतिपादित दर्शन के प्रति आस्था प्रकट करने का सशक्त माध्यम है । अतः श्री जैन श्वे० खरतर गच्छ संघ जयपुर साधुवाद का पात्र है ।
शासन देव से प्रार्थना है कि महान परोपकारी प्र. श्री सज्जन श्रीजी म. सा. को उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु प्रदान करें जिससे जिन- शासन की अधिक-से-अधिक सेवा हो सके । प. पू. महाराज साहिबा एवं साध्वी समुदाय के चरणों में शत्-शत् वन्दन !
[ सोहनलाल जी पारसान
( भूतपूर्व जोइन्ट सेक्रेटरी : श्री जैन श्वेताम्बर मण्डल तीर्थ पावापुरी)
प्रातःस्मरणीया पूजनीया साध्वी श्री सज्जन श्री जी महाराज का अभिनन्दन समारोह जयपुर शहर में होने जा रहा है । यह सुनकर हृदय प्रफुल्लित हो उठा है । आज अनायास ही स्मरण हो आए वे दिन जब साध्वीश्री का चातुर्मास शासन नायक तीर्थंकर भगवान महावीर के २५०० वें
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खण्ड २ : आशीर्वचन : शुभकामनाएँ
निर्वाणोत्सव पर उनकी निर्वाण स्थली पावापुरी में सम्पन्न हुआ था । धन्य हो गया था वह दिन । क्योंकि करीबन १०० वर्षों से उधर किसी भी साध्वी जी का चातुर्मास हुआ ही नहीं था । आप पावन चरित्रा हैं, शास्त्र मर्मज्ञा हैं । आपका वहाँ आगमन न केवल वहाँ उपस्थित विशाल जनसमूह के लिए बल्कि जैनेतर समाज के लिए भी बड़े ही आनन्द के प्रभाव से प्रकृति भी मानो फूली नहीं समा रही एवं उल्लास का कारण बना था । आपके सचरित्र थी । यह मात्र कथन नहीं, हकीकत है । उस वर्ष फसल बहुत अच्छी हुई । बेचारे गरीब कृषक आज भी सज्जन श्री जी महाराज को स्मरण कर यह आकांक्षा करते हैं कि उनके पावन चरण पुनः पावापुरी में पड़ और वह धरती हरी-भरी बने ।
श्रीजी महाराज के पुनीत चरणों में मेरा शत-शत ऐसी शासन प्रभाविका महिमामयी श्री सज्जन
वन्दन !
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श्री लालचन्द जी बैराठी ( अध्यक्ष, श्रीमाल सभा, जयपुर )
" आगम ज्योति' उपाधिधारिणी पूज्यवर्या प्रवर्तिनी महोदय श्रीमती सज्जन श्रीजी महाराज साहिबा जैन शासन नभ की एक दिव्य ज्योतिर्मय तारिका हैं । आप यथानाम तथागुण से ओत प्रोत हैं। आपका व्यक्तित्व एवं कृतित्व सर्वथा अनुपम और अद्वितीय है । आप न केवल (जयपुर) राजस्थान की अपितु सम्पूर्ण जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ जैन समाज की शान हैं। भारत के सभी क्षेत्रों में आपके सरल स्वभाव व कठिन साधना की छाप है । आप जैन साहित्य की लेखिका के रूप में विशेष रूप से कलम की धनी हैं साधना व अध्ययन ही आपका मुख्य आधार है ।
हम अपनी ओर से एवं श्रीमाल सभा जयपुर की ओर से पूज्या गुरुवर्याश्री की सुदीर्घ जीवन की मंगल कामना के साथ आपका हार्दिक अभिनन्दन करते हैं ।
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