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खण्ड २ : आशीर्वचन : शुभकामनाएँ
[ श्रीमती प्रेमलता गोलेछा एवं गोलेछा परिवार, जयपुर (भू. पू. कोषाध्यक्ष : श्री अ. भा. साधुमार्गी जैन महिला समिति )
शांत सरल स्वभाव, लोक कल्याणी, तपस्विनी, ज्ञान मूर्ति, विदुषी, आर्यारत्न, प्रवर्तिनी श्री सज्जन श्रीजी महाराज साहब, ( पूजनीय ताई जी म. सा.) के चरणों में कोटि-कोटि वन्दना ।
अनुपम व्यक्तित्व की धनी, मानव-मानव से सहज प्रेम करने वाली, ज्ञानज्योति, धर्मप्राण, धर्मवती, आपके गुणों की महिमा जितनी गाई जाये उतनी ही कम है । आपने जयपुर रियासत के दीवान सेठ नथमलजी गोलेछा की पौत्रवधु बनकर ससुराल का नाम रोशन किया । इतना महान त्याग आप जैसी पुण्यात्मा नारी ही कर सकती है । आज तीनों समाज में आपकी महिमा का गुणगान किया जाता है ।
तीनों ही समाजों में स्थानकवासी की बहु बनकर, तेरापंथ की लड़की, मन्दिरमार्गी समाज दीक्षा ग्रहण करके तीनों ही समाजों को गौरवान्वित किया है।
आपने आत्म-कल्याण के साथ-साथ लोककल्याण का भी पूरा ध्यान रखा । आपने जैन समाज में गौरवान्वित होती हुई एक मिसाल दिखाई है । म. सा. आपने अपने शुद्धाचार और शांतिपूर्ण जीवन द्वारा मानवता का मार्ग दर्शन किया है। अहिंसा, सत्य, महान साधनापथ पर बढ़ते चले जाने का सन्देश दिया है ।
आपकी प्रेरणाओं को जीवन में उतारकर हम अपना कर्ममय मार्ग निरन्तर गतिशील रखने का प्रयत्न करेंगे । जिस प्रकार कि डॉक्टर मरीज को स्फूर्ति के लिए टॉनिक देता है उसी तरह आपके टॉनिक रूपी उपदेशों को ग्रहण करने से आत्मा में ज्ञानरूप स्फूर्ति का संचार होता है ।
खण्ड २/४
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इन्हीं मंगल श्र ेष्ठमय,
कल्याणकारी शुभकाम
नाओं के साथ हम आपका अभिनन्दन करते हैं कि आपका स्वास्थ्य सदैव सुन्दर, स्वस्थ रहे, आप दीर्घायु हों और मधुर वाणी से समाज को निरन्तर लाभान्वित करती रहें ।
" इन्हीं मंगल कामनाओं से
कर रहे हम वन्दन शत-शत वन्दन करते हुए
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हम कर रहे आपका अभिनन्दन ।"
श्रीमती कमलादेवी लूनिया
( धर्मपत्नी स्व० श्री पूनमचन्द जी लूनिया ) पूज्य प्रवर्तिनी श्री सज्जन श्री जी महाराज सा. का अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशित हो रहा है ऐसी जानकारी मिलने पर मन अत्यन्त ही आनन्द से भर गया क्योंकि किसी के भी व्यक्तित्व को पूर्ण रूप से जानने के लिए अभिनन्दन ग्रन्थ एक ऐसा माध्यम होता है जिसमें भिन्न-भिन्न समुदायों के व्यक्तियों जानकारियों का संकलन प्राप्त होता है । यह अभिद्वारा व्यक्ति विशेष के जीवन व व्यक्तित्व की सही नन्दन ग्रन्थ पूजनीय महाराज साहब के व्यक्तित्व को भली-भाँति उजागर करने का सफल प्रयास है । इसके लिए मेरी ओर से हार्दिक शुभकामना है ।
श्रीमती कमल सांड
(पुत्री स्व० श्री केशरीचन्द जी लुनिया ) साध्वी रत्न श्री सज्जन श्री जी महाराज एक सुलझी हुई साधिका हैं, विचारिका हैं । यही कारण है कि वे जो बात कहती हैं, सीधी सरल और अन्त - र्मन को छू लेने वाली होती है ।
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गुणियों का अभिनन्दन करना हमारी अपनी पुरानी परम्परा रही है । यह बहुत ही प्रसन्नता की बात है कि सज्जन श्री महाराज के अभिनन्दन में
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