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प्रवचन-सारोद्धार
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सूक्ष्म अद्धासागरोपम के द्वारा सभी जीवों की कर्मस्थिति, कायस्थिति तथा भवस्थिति का माप किया जाता है।। १०३०॥
बादर क्षेत्रपल्योपम को दस कोटाकोटी से गुणा करने पर सूक्ष्म क्षेत्र सागरोपम का परिमाण आता है। सूक्ष्म क्षेत्र सागरोपम के द्वारा पृथ्वीकाय, अपकाय, तेउकाय, वायुकाय, वनस्पतिकाय एवं त्रसकाय के जीवों का परिमाण किया जाता है। १०३१-३२ ।।
-विवेचनसागरोपम = परिमाप की अपेक्षा से जिसे सागर की उपमा दी जाये वह सागरोपम है। पल्योपम की तरह इसके भी छ: भेद हैं।
(i) बादर उद्धार सागरोपम (ii) सूक्ष्म उद्धार सागरोपम । (iii) बादर अद्धा सागरोपम (iv) सूक्ष्म उद्धार सागरोपम । (v) बादर क्षेत्र सागरोपम (vi) सूक्ष्म क्षेत्र सागरोपम। (i) दश कोटा-कोटी बादर उद्धार पल्योपम का एक बादर उद्धार सागरोपम होता है। बादर - उद्धार पल्योपम व सागरोपम का केवल यही उपयोग है कि इनके द्वारा सूक्ष्म उद्धार
पल्योपम और सूक्ष्म उद्धार सागरोपम सरलता से समझ में आ जाते हैं ॥१०२७ ।। (ii) दस कोटा-कोटी सूक्ष्म उद्धार पल्य का एक सूक्ष्म उद्धार सागरोपम होता है। सूक्ष्म
उद्धार पल्योपम व सागरोपम से द्वीप व समुद्रों की गणना की जाती है। ढाई सूक्ष्म उद्धार सागरोपम के अथवा पच्चीस कोटा-कोटी सूक्ष्म उद्धार पल्योपम के जितने समय
होते हैं उतने ति लोक में द्वीप व समुद्र हैं ॥१०२८ ।। (iii) दस कोटा-कोटी बादर अद्धा पल्योपम का एक बादर अद्धासागरोपम होता है ॥१०२९ ॥ (iv) दस कोटा-कोटी सूक्ष्म अद्धा पल्योपम का एक सूक्ष्म अद्धासागरोपम होता है। दस
कोटा-कोटी सूक्ष्म अद्धा सागरोपम की एक अवसर्पिणी और उतने की ही एक अवसर्पिणी होती है। सूक्ष्म अद्धा पल्योपम तथा सागरोपम के द्वारा देव, तिर्यंच और नारकों की आयु, ज्ञानावरणादि कर्मों की स्थिति, पृथ्वीकाय आदि जीवों की कायस्थिति आदि का
ज्ञान किया जाता है ॥१०३० ।। (v) दस कोटा-कोटी बादर क्षेत्र पल्योपम का एक बादर क्षेत्र सागरोपम काल होता है। (vi) दस कोटी-कोटी सूक्ष्म क्षेत्र पल्योपम का एक सूक्ष्म क्षेत्र सागरोपम होता है। सूक्ष्म क्षेत्र
पल्योपम तथा सागरोपम के द्वारा दृष्टिवाद में द्रव्यों के परिमाप—पृथ्वी, जल, तेऊ, वायु,
वनस्पति और त्रसजीवों के परिमाप का विचार किया जाता है। • सूक्ष्म उद्धार, सूक्ष्म अद्धा व सूक्ष्म क्षेत्र पल्योपम का भी यही प्रयोजन बताया गया
है ।। १०३१-१०३२॥
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