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द्वार १८९-१९०
१९०
26-550-5255823456002055000202
-20000000000000
६. शुक्ल लेश्या ___ अन्तर्मुहूर्त
नौ वर्ष न्यून पूर्व क्रोड़-वर्ष • पूर्व क्रोड वर्ष की आयु वाले आत्मा जो आठ वर्ष की उम्र में दीक्षा लेकर केवलज्ञान प्राप्त
करते हैं उनकी अपेक्षा से शुक्ल लेश्या की उत्कृष्ट स्थिति नौ वर्ष न्यून पूर्व क्रोड वर्ष की है। शुक्ल लेश्या की स्थिति पूर्वोक्त स्थिति से अधिक नहीं हो सकती। कारण संयम की स्थिति इतनी ही है। अन्य आत्माओं की अपेक्षा शुक्ल लेश्या की उत्कृष्ट स्थिति अन्तर्मुहूर्त की ही है ॥१११० ॥
१९० द्वार:
गति
एगेंदियजीवा जंति नरतिरिच्छेसु जुयलवज्जेसुं । अमणतिरियावि एवं नरयंमिवि जंति मे पढमे ॥११११ ॥ तह संमुच्छिमतिरिया भवणाहिववंतरेसु गच्छंति । जं तेसिं उववाओ पलियासंखेज्जआऊसुं ॥१११२ ॥ पंचिदियतिरियाणं उववाउक्कोसओ सहस्सारे। नरएसु समग्गेसुवि वियला अजुयलतिरिनरेसु ॥१११३ ॥ नरतिरिअसंखजीवी जोइसवज्जेसु जंति देवेसु। नियआउयसमहीणाउएसु ईसाण अंतेसु ॥१११४ ॥ उववाओ तावसाणं उक्कोसेणं तु जाव जोइसिया। जावंति बंभलोगो चरगपरिव्वायउववाओ ॥१११५ ॥ जिणवयउक्किट्ठतवकिरियाहिं अभव्वभव्वजीवाणं। गेविज्जेसुक्कोसा गई जहन्ना भवणवईसु ॥१११६ ॥ छउमत्थसंजयाणं उववाउक्कोसओ उ सव्वटे। उववाओ सावयाणं उक्कोसेणऽच्चुओ जाव ॥१११७ ॥ उववाओ लंतगंमि चउदसपुब्बिस्स होइ उ जहन्नो। उक्कोसो सव्वढे सिद्धिगमो वा अकम्मस्स ॥१११८ ॥ अविराहियसामन्नस्स साहुणो सावयस्सऽवि जहन्नो। सोहम्मे उववाओ वयभंगे वणयराईसुं ॥१११९ ॥
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