Book Title: Nammayasundari Kaha
Author(s): Mahendrasuri, Pratibha Trivedi
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 10
________________ Mmsur १० विषयानुक्रम १. महिंदसूरिरइया नम्मयासुन्दरी कहा _ प्रसंग १ पत्थावणा २ महेसरदत्तमाया-रिसिदत्ताजम्मवण्णणा ३ रुद्ददत्तस्स रिसिदत्तोवरि रागाणुभावो ४ रुद्ददत्तस्स कवडसावगधम्मांगीकरणं ५ रुद्ददत्तस्स रिसिदत्ताए सह परिणयणं ६ रिसिदत्ताए सस्सुरगिहगमणं ७ पीइगिहाओ रिसिदत्ताए संबंधविच्छेओ ८ नम्मयासुन्दरीजम्मवण्णणा ९ नम्मयानईतीरे नम्मयपुरनिवेसो १० नम्मयासुन्दरीरूववण्णणा ११ रिसिदत्ताए सपुत्तकए नम्मयासुन्दरीमग्गणा १२ महेसरदत्तस्स मायामहगिहगमणं १३ महेसरदत्तस्स नम्मयासुन्दरीपरिचयो १४ महेसरदत्तस्स नम्मयासुन्दरीअत्ये पत्थणा १५ नम्मयासुन्दरीवीवाहोसको १६ मुणिपदत्तसावप्पसंगो १७ जवणदीवं पइ पयाणं १८ महेसरदत्तस्स कुसंका १९ नम्मयासुन्दरीपरिच्चाओ २० नम्मयासुन्दरीए सुन्नदीवे पलावो २१ धम्मज्झाणेण कालगमणं २२ चुलपिउणा सह मिलणं बब्बरकूलगमणं च २३ वीरदासस्स हरिणीवेसागिहगमणं २४ हरिणीचेडीहिं नम्मयासुन्दरीए हरणं २५ वीरदासकया गवसणा गिहं पइ पयाणं च २६ हरिणीए कवडसंभासणं २७ हरिणीकयोवएसो २८ हरिणीकया कयत्थणा س س س س س Wom Mmoc W०००m س ه ه Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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