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विषयानुक्रमणी आदेश, 'युष्माकम् - अस्माकम्' में साम् को ‘आकम्' आदेश, ‘त्वया - मया - युवयोःआवयोः' में अकार को एकारादेश तथा 'युवाभ्याम् - आवाभ्याम्' आदि में अकार को आकारादेश] ___३०. आ-औ-अर्वन्ति - मघवन्तु-जरस्- तिस-चतसृ- आदेश
पृ०३८४ - ४०३ ['राः- राभ्याम्' आदि में ऐकार को आकारादेश, ‘अष्टाभिः- अष्टासुप्रियाष्टौ' आदि में नकार को आकार, ‘अष्टौ' में 'जस् - शस्' को औ, 'अर्वन्तौ - अर्वन्तः- अर्वत्यम् - अर्वती' में 'अर्वन् को 'अर्वन्त्' आदेश, 'मघवान् – मघवन्तौ - माघवतम् - मघवती' आदि में 'मघवन्' को 'मघवन्त्' आदेश, 'जरे-जरसौ, जराःजरसः' में 'जरा' को वैकल्पिक 'जरस्' आदेश, 'तिम्नः- चतस्रः' आदि में 'त्रिचत्वार्' को 'तिसृ - चतसृ' तथा ऋ को र आदेश]
३१. ऋ को दीर्घनिषेध- वैकल्पिक दीर्घ, अ-क-म-स- इयम् - अयम् - अत् - अन - एन-भिर् - औ-लोप- उवर्ण-ई-द् आदेश पृ०४०३ -३८
[तिसृणाम् – चतसृणाम्' में ऋ को दीर्घ आदेश का निषेध, 'नृणाम् - नृणाम्' में ऋ को वैकल्पिक दीघदिश, ‘सः, तौ, यत्र, तत्र' आदि में दकार को अकारादेश, 'कः - कदा' आदि में 'किम्' को 'क' आदेश, 'इमौ - इमकौ' आदि में दकार को मकारादेश, 'असौ -असकौ' में दकार को सकार, 'सः- स्यः' आदि में तकार को सकार, ‘इयम् -अयम्' में इदम् को ‘इयम् - अयम्' आदेश, 'आभ्याम् - एभिः' में इद को अकारादेश, अनेन - अनयोः' में इद को अन -आदेश, एतं व्याकरणमध्यापय अथो एनं वेदमध्यापय' इत्यादि में ‘एत - इद' को एन आदेश, 'एभिः' में 'भिस्' को भिर् आदेश, 'असौ - असकौ' में अ को औ तथा सि-लोप 'अमुम् - अमू - अमून्' में उकार-ऊकार आदेश ‘अमी - अमीभ्यः' में एकार को ईकारादेश, अद्भिः स्वद्भ्याम्' में पकार को दकारादेश तथा 'स्वनडुत् - उपानत् - सुविद्वत् - उखासत् - पर्णध्वत्' यदि में 'हकार - सकार' आदि को दकारादेश]