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प्रमेयधोतिकारीका प्र.३ उ.३ सू.३८ एकोलक मनुजीनामाकारादिक ५५० संघया, तत्र-सु-मुठु अतिशयेन निर्मिते-रचिते सुगढे-मसलतयाऽनुएलक्ष्ये ये जानुमण्डले ताभ्यां मुबद्ध दृढस्नायुक्त्वादश्लथः संधि-जानुपधिभागो यामा तास्तथा, 'कलिक्खंभातिरेग संठिय णिवण सृकुमाल मउय कोमन्छ अविरल समसंहित सुजात वट्टपीवर जिरंतरोरू' कदलीस्तम्मातिरेक संस्थित निगसुकुमार मृदुककोमलाविरलसमसंहत सुजातवृत्तपीचरनिरन्तरोरवः तत्र कदलीस्तम्भाभ्यामतिरेकेण अतिशायितया कदलीस्तस्यसंस्थानापेक्षयाप्यतिशयेन सौन्दर्ययुक्त संस्थितं ययोस्ती निर्बणी-विस्फोटकादिक्षतवनिती अतएन सुकुपारी चिकणौ मृदुकौ-मादेवगुणसंपन्नौ, अतएव कोमली-वहिर्भागापेक्षय पेशको अविरलौ-परस्परासन्नौ समौ प्रमाणतस्तुल्यो सन्तौ संहती-समश्रेणिस्थिती सुजातीमुनिष्पन्नौ-जन्मजातदोषजितौ वृत्तौ-वर्तुलौ पीवरी पुष्टौ निरन्तरों परस्परनिर्षिशेषौ-ऊरू यास तास्तथा, 'अट्टाक्यवीची पदृसंठिय-पसत्य विस्थिन्न पिहसुन्दर लगने वाला होता है 'सुणिम्पिथ गृहजाणु मंडल सुबद्ध संधी' इनकी संधि सुनिर्मित एवं लुगूढ-अनुपलक्ष्य उपर से नहीं दीखने वाले जानु मण्डल से सुषद्ध होती है-दृढस्नायु युक्त होने से अशिथिल शेती है 'कलिक्खंभातिरेक संठिय निधण सुकुमालयउय कोमल अविरल समसहित सुजात वह पीचर णिरंतरोइन के दोनों उरूसदली स्तम्भ के जैसे आकार वाले होते हैं, रिव्रण-विस्फोटक-फोडे आदि से रहित होते हैं सुकुमार सुहाले होते हैं, मृदु होते हैं कोमल होते हैं अविरल होते हैं-परस्पर निकट-पास पाल में होते है सम होते हैं-प्रमाण में बराबर होते हैं सहित होते हैं-जुटे हुए होते है सुजान-सुनिष्पन्नवृत्त गोल आकार के होते हैं पीवर-पुष्ट होते है और आपल में निः शेष-समान-एक से-होते हैं । 'अट्टाययवीची चट्ट रंठिय पथ चिन्थि गृहजाणुमदल सुबद्धसंधी' तमानी सधी सुनिमित मन सुट सट थी ન દેખાય તેવા જાનુ મંડલથી સુબદ્ધ હોય છે. દઢ સ્નાયુ ચુકત હોવાથી શિથિલ हाय छे. 'कयलिाख भातिरेक संठियनिव्वण सुकुमालमउय कोसल रिल समसहितसुजातवट्टपीवरणिरतरोरू' तयाना भन्ने ७३ (घ) ना સ્તંભના જેવા આકારવાળા સુંદર હોય છે, નિર્વાણ વિરાટક એટલે કે ફલા વિગેરે વિનાના હોય છે. સુકુમાર અને શોભાયમાન હોય છે મૃદુ કેમળ હોય છે. અવિરલ હોય છે પરસ્પર એક બીજાની નજીક નજીક હોય છે. સમ કહેતાં સરખા હોય છે. પ્રમાણસરના હોય છે. સહિત હોય છે. એક બીજાને લાગે છે. સુજાત અને સુપિન્ન હોય છે વ્રત્ત નામગોળ આકારના ડેય છે, પીવર પુષ્ટ હોય છે. અને આપસમાં નિવિશેષ સરખા એક જેવાજ