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जीवामिगमेस्त्र ___ सम्मति-वलेः पर्षन्निरूपणार्थमाह-वलिस्स ण भने' इत्यादि, 'वनिस्स ण भंते ! वइरोयर्णिदस्स वइरोयणरन्नो' ले खल भदन्त । वैरोचनेन्द्रस्य वैरोचन राजस्य 'कइ परिसाओ पन्नत्ताभो' कति-कियत्संख्यकाः पर्षदः-समाः प्रज्ञप्ता:कथिता इति प्रश्नः, भगवानाइ 'गोयमा' इत्यादि, ‘गोयमा' हे गौतम ! 'तिणि परिसा पनत्ता तिस्र:-त्रिपकारकाः पर्षदः-सभाः प्रज्ञप्ताः, पर्षत विध्यं दर्शयति-'तं जहा' इत्यादि, 'तं जहा' तद्यथा-'समिया चंडा जाया' समिता चण्डा जाता 'अमितरिया सहिया' आभ्यन्तरिका समिता 'मज्झिमिया चंडा' माध्यमिका चण्डा 'बाहिरिया जाया' वाया जाता 'दलिरस ण भंते । वइरोयणिदस्स वइरोयणरनो' क्लेः खल भदन्त ! वैरोचनेन्द्रस्य वैरोचन राजस्थ 'अभितरियाए परिसाए कइ देवसहस्सा पण्णत्ता' आगन्तरिकायां पर्षदि-सभायां कतिकियत्संख्यानि देव सहस्राणि प्रज्ञप्तानि, तथा-'मझिमियाए परिसाए कर का परिसाभो पन्नत्ताओ' हे भदन्त ! वैरोचनेन्द्र वैरोचराजपलिकी कितनी परिषदाएं कही गई है ? इसके उत्तर में प्रभुश्री कहते हैं-'गोयमा! तिन्नि परिसा पन्नत्ता' हे गौतम' वैरोचनेन्द्र वैरोचनराज पलि की तीन परिषदाएं कही गई है 'तं जहा' जैसे 'समिया चंडा जाया समिता चंडा और जाया इनमें 'अभितरिया समिया' जो आभ्यन्तर सभा है उसका नाम समिता परिषदा है । 'मजिशमिया चंडा' मध्यमा सभा का नाम चंडा है 'बाहिरिया जाया' और जो बाह्या सभा है उसका नाम ज.ता परिषदा है 'बलिस्ल णं भंते बहरोयगिंदस्स वरोषणरतो अभिः तरियाए कह देव सहस्सा पण्णत्ता' हे मरन्त वैरोचनेन्द्र वैरोचनराज. बलि की आभ्यन्तर परिषदा में कितने हजार देव कहे गये हैं। तथा 'मज्झिभियाए परिसाए करदेव सहसता पण्णत्ता' मध्यमा परिषदा में
पतिन्द्रनी परिपहानुन ४२वामां आवे छ 'बलिस ण भते त्या 'वलिस्स ण भंते ! वइरोयणिदस्त वइरोयणरण्णा कइ परिसाओ पण्णत्ताओ' है मगन वैशयनेन्द्र वैशयन मलिनी परिषहाली दुडी छ १ मा प्रश्नाना उत्तरमा प्रमुश्री 8 छ , 'गोयमा! तिन्नि परिसा पन्नत्ता' मातम ! पैशयनेन्द्र वैरायन२।२४ मलिनी १५ परिषदायी वामा भावे . 'त जहा' म 'समिया चडा जाया' समिता, 31 मने या
मा 'अभितरिया समिया' २ माय-त२ समा छे तर्नु नाम समिता परिषद से प्रभाय छे. 'मज्झमिया चंडा' मध्यम समानु नाम या से प्रमाणे छ 'वाहिरिया जाया' भने २ मा सा छे, तेनु नाम andu परिष छे, 'बलिस्स ण भवे! वइरोयणिदस्स वइरोयणरण्णा अभितरिया