Book Title: Jivajivabhigamsutra Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 893
________________ राषOTOS प्रमैयद्योतिका टीका प्र.३ उ.३ ७.५३ वनषण्डादिकवर्णनम् पुरुषेषु वरः श्रेष्ठो वरपुरुषः-वासुदेवस् तम्य वसनमिति परपुरुषवसनम्-वासुदेवस्य वसनं पीतमेव भवतीति तदुपादानमिति । 'सल्लई कुसुमेह वा शल्यको कुसुममिति वा, शल्यकीकुसुमं लोकत ए पारगन्तव्यमिति । 'चं पण कुसुमेइवा चम्पककुसुममिति वा, चम्पककुसुमं सुवर्णचपक कुसुममिति । 'कुहुंडिया कुसुमेह वा' कुष्माण्डी-कुसुममिति वा, कूष्माण्डोकुसुमं पुरुषफलीकुसुमम् इति 'कोरंटगदामेइ बा' कोरण्टकदाम इति वा, कोरण्टकः-पुष्पनातिविशेषस्तस्य दाममालेति कोरण्टकदाम । 'तडवडा कुमुमेह वा' - डबडा कुसुममिति वा, तडवडा आउली तस्याः कुसुम तडबडा कुसुममिति 'घोसाडिया कुसु मेइ वा' घोषातकीकुसुममिति वा । 'सुवण्ण जूहिया कुसुमे वा' सुवर्ण यूथिकाकुलुममिति वा, घोषातकी सुवर्णयूथिकाकुसुमे लोकादेव ज्ञातव्ये । 'सुहरिन्नया कुसुभेइ वा' सुहरिण्यका कुसुममिति वा, मुहरिण्यका वन स्पति विशेषस्तस्याः कुसुम सुहरिण्यका कुसुममिति । 'वियगकुसुमेह वा बीयककुसुममिति वा, बीयको वृक्षविशेषो कोक प्रसिद्धस्तस्य कुसुममिति 'पीयासोएइ है 'सल्लह कुसुमेह वा शल्यकीया कुसुम जैला पीला होता है चंपक कुसुमेह वा सुवर्ण चम्पा का पुष्प जैसा पीला होता है 'कुहुंडियाकुसुमेह या' जैसा कुष्माण्ड -पुष्प फली-कोला का पुष्प पीला होता है। 'कोरंटगदामेइ वा' जैसी कोरण्डक पुष्पों की माला पीली होती है 'सडबडाकुसुमेह वा जैसा तडपड का फूल पीला होता है आवली का नाम तडबडा है 'घोसाडियाकुसुमेह वा जैसा घोषातकी-तोरह का पुष्प पीला होना है 'सुवण जूझ्यिा कुस्सुमेह वा' जैसा पीला पुष्प सुवर्ण यूधिका सोना जुही-फा होता है 'सुहरिन्नयाकुसुमेह वा सुष्ठरिण्यका का पुष्प-वनस्पति विशेषका पुष्प जैसा पीला होता है। 'घीयग कुस्तुमेह वा दीपक वृक्ष का फल जैसा पीला होता है पीयासोएडवा' जसा पीत अशोक वृक्ष पुष्प पीला होता है। 'पीयक्षणवीरेइ वा जैसा पाणु य छ, 'सल्लइकुसुमेइवा' शल्यहीन ०५२. पाय छे. 'चपक कुसुमेइवा' सुवण य पातु पु०५ यु पी जाय छे. 'कुहुडिया कुसुमेइवा' भांडणानुस यु पी पाणु डाय छ, 'कोर गदामेइवा' १२४ Y०पनी भाणारी पाणी हाय छ, 'तडवड़ाकुसुमेइवा' तपास वा पीस होय छे. म.पणतु नाम त341 छ. 'घोसाडिया कुसुमेइवा' ५।18 तुरियाना ०५ २॥ पीकर हाय छ, 'सुवण्णहिया कुसुमेइवा' सुपथ यूथि। साना हान ०५ २41 पी डाय है, 'बीयगकुसुमेदवा' मी४ वृक्षना ३३ पीना हाय, पायासोएइवा' पीणा मीना ५ २१ पाहाय छ, 'पीयकणवीरेइवा' पीजी ४२ना पु५ २१। यी यि छ,

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