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प्रद्योतिका ठीका प्र. ३ उ. ३ सु. ५३ वनपण्डादिकवर्णनम्
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तदेव दर्शयति - ' से जहाणामए' तद्यथानामकम् 'अंकेइ वा' अङ्क इति वा अङ्कोरत्नविशेषः 'संखेइवा' शङ्खः इति वा, शङ्खः प्रसिद्धः 'च' देइ वा' चन्द्र इति वा, 'कुंदे वा' कुन्द इति वा कुन्दः पुष्पविशेषः, 'कुमुएइ वा' कुमुदमिति वा, 'दयइवा' उदकरज इति वा, 'दहिघणे वा' दधिधन इति वा, 'खीरेइ वा' क्षीरमिति वा, 'खोरपूरेइ वा' क्षीरपूर इति वा 'हंसावळीति वा' हंसावलिरिति वा, हंसस्यावलिः पंक्तिरिति हंसावलिः | 'कोंचावलीति वा' क्रौञ्चावनिरिति वा, क्रौञ्चस्य पक्षिविशेषस्यावलिः - पंक्तिः क्रौञ्चावलिरिति, 'हारावलीत वा' हारावलिरिति वा हारस्य मौक्तिकहारस्यावलि:- पंक्तिरिति हारावलिः | 'वलयाaatति वा' वळयावलिरिति वा, बलयस्य- रजतनिर्मित कङ्कणम्यावलिः - पंक्तिरिति - वलगावळिः 'चंदावलीति वा' चन्द्रावलिरिति वा, चन्द्राणां तडागादिपु वी में जो शुल्कवर्ण के तृण और मणि है उनका वर्णन इस प्रकार कहा है क्या -' से जहाणामए अंकेह वा संखेइ वा चंदेह वा कुंदेड़ वा कुसुमेह वा 'जैसा प्रङ्करत्न शुभ्र होता है जैसा शङ्ख शुभ्र होता है जैसा चन्द्र शुभ्र होता हैं जैसा कुन्द पुष्प शुभ्र होता है जैसा कुसुम पुष्प शुभ्र होता है 'दर एति वा' जैसा - उदकरज- उदक बिन्दु सफेद होता है 'दहिघणे वा' जेमा दविघन - जमा हुआ दही रूफेद होता है 'खोरेइ वा' जैसी ख'र सफेद होती है 'हंसावलीति वा' जैसी हंसों की पंक्ति सफेद होती है 'कोंचावलीति वा' जैसी क्रौंच पक्षीयों की पङ्क्ती सफेद होती है 'हारावलीति वा' जैसी हार की पंक्ती सफेद होती है । 'वलपावलीत वा' रजतनिर्मित कङ्कणों की पंक्ति जैसी सफेद होती है 'चंदावलीति वा' तडाग आदि में, जल के भीतर प्रतिविम्बित चन्द्र या नीथे अभाोनी होय छे ? 'से जहानामए अकेश्वा संखेइवा च देवा कु देवा कुसुमेइवा' २ रत्ननेवु सह होय छे, शाम वो धोणी होय છે, ચંદ્રમાના વણુ જેવા સફેદ હાય છે, કુદ પુષ્પના રંગ જેવા સફેદ હૈય छे, मुसुभ पुण्य नेवु सह रंग होय छे, 'दयरतिवा' ४x२०४७ जिहु वु सह होय छे, दहिघणेवा' भावेषु हाडी भेवु सदेह होय थे, 'खीरे इवा' 'जीरो ववस होय छे, 'खीरपुरेइवा' क्षीरपुर इना समूह वा रुद्र होय छे, 'ह'सावलीतिवा' सोनी यति लेवी सह होय छे, 'कोंचावली तिवा' अथ पक्षीयोनी पंडती नेवी सहाय छे, ' हारावलीतिवा' हारनी पति ने सई होय छे. 'वलयावलीति वा ' यांहीना मनावेव ४*४- महायानी पंडित देवी सह होय है, 'चंदावली તિવા’તલાવ વિગેરેમાં જલની સદર પ્રતિષ્મિ વાળા ચંદ્રની પંકિત જેવી