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प्रमेयद्योतिका टीका प्र. ३ . ३ . ४२ डिबडसर - फलहादि निरूपणं
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यः स्वापी धनस्वामी यस्य तत्तथा अलामिकं द्रव्यजातम्, 'हीणसे उयं' प्रहीणसेचकम् - प्रहीणाः प्रणष्टाः सेक्तारः सेचकाः धनप्रक्षेतारो यस्य तत् संपति न तत्र धनस्थापिता वर्त्तते एतादृशं स्थानम्, अथवा महीणसे नुक्रमिति, प्रहीणः सेतुः गमनागमनभूमिर्यस्य उत् । भूमेरुन वनतत्वेन 'पहीणग्गाहाचा' प्रहीणमार्ग मिति वा पहीणः प्रणष्टः मार्गः जनानां गमनागमनं यस्य तत् । 'पक्षीणगोतागाराइ वा' प्रहीणगोत्रागारमिति वा, प्रहीणं प्रणष्टं गोत्रागारं तत्स्वामि गोत्रीयजनस्यापि अगार यस्य वत्, निक्षितधनराशि स्वामिनो गोत्रीयजनोऽपिन जीव तीत्येतादृगं स्थानम् । एतानि वस्तूनि सन्ति किम् ? तथा - 'जाई इमाई' यानि इमानि 'गासागर नगरखेड क व ड मडं वदोणमुहपट्टणासमसं सहसन्निवे से सु' ग्रामाकरनगरखेटक दमडपद्रो मुखात्तनाथमसंवाहसन्निवेशेषु सिंघाड पतिगच उकचच्चरअपने पास पुरानी वस्तुएं संग्रहित करते हैं? बहुत पुराना होने से 'पहीण सामिधाइ वा' वहां ऐसा भी द्रव्य होता है, कि जिसका कोई स्वामी न हो । 'पहीणसेउचाइ वा' ऐसा भी वहां द्रव्य होता है, कि जिसमें फिर कोई धन जमा करने वाला जन भी न हो । 'पहीणमग्गाइ वा ' जिसकी भूमी जाने आनें योग्य नही हो । 'पहीणगोत्तागाराह वा' वहां ऐसे भी धन स्थान होते है कि वहां धन रखने वालों के गोत्रका फोह भी मनुष्य न बचा हो अर्थात् सब मर गये हो और उसका घर भी नष्ट हो गया हो, वहां ऐसे स्थान होते है क्या फिर 'जाइ इमाई गामागर नगर खेडकर यदोगपट्टणासमसंवाहसनिषे ते सु' जो ये वहां ग्राम, आकर, नगर, खेट, कर्दट, मडंब, द्रोणमुख, पत्तन, आश्रम, संध और सनिवेश है उनमें तथा उनमें जो 'सिघाडग' शृङ्गाटक के आकार जैसे रास्ते है 'तिगचक्कचच्चर चउम्मुहमहोप हेसु' त्रिक तीन
लुनी वस्तुनो सभड़े होय हे ? धागु नुनु होवाथी 'पहीणस मियावा' त्यां मेवु या द्रव्य होय हे लेना है। भासी४४ न होय ? 'पहीणसे ज्याइवा' ત્યાં એવું પણ ધન હેાય છે કે જેમાં પાછું, કેાઇ જમા કરાવનાર માણસ होय अथवा लेनी भूमी नवा भाववा योग्य न होय 'पहीणगोत्तागाराइवा' ત્યાં એવા પણ ધનસ્થાના હાય છે કે ત્યાં ધન રાખવાવાળાઓના વશને કેઈ પણુ માણુસ ખચ્ચે ન હેાય ? અર્થાત્ ખધાજ મરી ગયા રાય ? અને तेनु' घर पशु नाश यभ्यु होय ? सेवा स्थान होय छे ? 'जाई इमाई गामागरणगर खेडकव्न्रडम बदोण मुद्दपट्टणासमस वाइसन्निवेस' ने थमा त्यां ग्राम આકર નગર ખેટ કરેંટ મખ દ્રોશમુખ પત્તન અશ્રમ, સ`વાહ અને स ंनिवेश छे, तेभां तथा तेमां ? 'सिंघाडग' शिधोराना आहार वा रस्ता