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जिनागमों में मुनि व आचार्य पद हेतु दर्शाई गई कुल शुद्धि को
दर्शाता आचार्य श्री की १८ पीढियों का वंश वृक्ष।
|श्री शांतिसागर मुनि
आदगोंडा IN
देवगोंडा
बावगोंडा
भीमगोंडा
गाडा
सत्यवती
आमगोंडा
आमगोंडा
सिदगोंडा
| शीवगोंडा 1 [साबगं
साबगोंडा
गिरगोंडा पाटिल
सत्यगोंडा पा.
| सामोंडा पा.
| भैरगोंडा
सिवगोंडा
अरयगोंडा
गिरगोंडा पाटिल
|देवगोंडा पाटिल
परगोंडा पाटिल
भैरगोंडा पाटिल
| सिवगोंडा पाटिल
[देवगोंडा पाटिल
| सिदगोंडा पाटिल
पद्मगोंडा पाटिल
|आदगोंडा पाटिल
कुमगोंडा देसाई
अंगवडे गाँव
मिणचे गाँव
|बेडकीहाळ गाँव
भोजगाँव
शिदगोंडा
पद्मगोंडा
आदगोंडा | कुमगोंडा देसाई
पायगोंडा देसाई
आदगोंडा देसाई
| पद्मगोंडा देसाई
पद्मगोंडा देसाई
साभार: पिदमगोंडा देसाई । आचार्य श्री शांतिसागर महामुनि का चरित्र
ग्रंथ की प्रस्तावना,
लेखन : महान उद्योगपति • मूळ स्थान व तत्त्ववेता सेठ श्री रावजी सखाराम दोशी,
विक्रम संवत् १६६० सन् १६३४
शालबिद्री
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