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[६] लघुतम : गुरुतम
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प्रश्नकर्ता : इसीलिए लघु बन जाता है।
दादाश्री : नहीं, नहीं, लघु नहीं, चार पैरोंवाला बनता है क्योंकि रिलेटिव में गुरुतम होने जाता है इसलिए वापस गुरुतम घुस जाता है। उस गुरुतम को निकालने के लिए उपाय चाहिए न वापस?! तो ये दो पैर थे, तो दूसरे दो पैर बढ़ गए ताकि गिर न जाए न! वर्ना ये गधे कहाँ से लाएँगे? ये गाय-भैंसें कहाँ से खरीदकर लाएँगे?! ये लोग तो बेचारे अच्छे हैं, कोमल हैं। वे गाय-भैंस बनकर ऋण चुका रहे हैं! क्योंकि 'रिलेटिव' में गुरुतम बने थे। और लोगों का खा गए थे न मलीदा, इसलिए। मलीदा खा जाते हैं न? खा जाते हैं या नहीं खा जाते?!
उसमें भी वापस दो तरह के काम करते हैं लोग। 'रिलेटिव' में गुरुता, दो प्रकार से काम करती है। एक तो 'सुपर ह्यमन' की तरह काम करते हैं और एक पाशवी काम करते हैं। 'सुपर ह्यमन' के काम किए हों, उच्च कार्य किए हों तो देवगति में जाते हैं, नहीं तो जानवर में जा आते हैं, और वहाँ पर सारी उलझनें निकल जाने के बाद यहाँ मनुष्य में आता है। ऐसा न्याय मैं खुद देखकर आया हूँ। उन्हें पता नहीं है कि क्या न्याय होनेवाला है। दो पैर हैं उसमें से चार पैर हो जाएँगे और ऊपर से पूँछ अतिरिक्त! लेकिन हम उन्हें ऐसा नहीं कह सकते। अभी तो वे मस्ती में मस्त हैं। वे क्या कहते हैं? 'जब आएगा तब देखा जाएगा, सिर पर आ पड़ा तब देख लेंगे।' अभी तो रौब मारने दो न!
लघुतम को ही प्राप्ति गुरुतम की पूरा जगत् 'रिलेटिव' में गुरुतमता ढूँढता है इसलिए पहले गुरु बनने की इच्छा होती है, फिर गुरुता करते हैं। गुरुता आने के बाद गुरुतम होने जाते हैं लेकिन इसमें कोई गुरुतम नहीं बना है। अपना 'विज्ञान' क्या कहता है? 'रिलेटिव' में लघुतम और 'रियल' में गुरुतम! अतः यह अपनी मूल चीज़ है।
हर एक धर्म वाले क्या कहते हैं ? कि 'हमारे धर्म से मोक्ष है।' कोई क्या ऐसा कहता है कि 'मेरे धर्म से मोक्ष नहीं है?' सभी ऐसा