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खेंच : कपट : पोइन्ट मैन
अक्रम विज्ञान, सुलझाए सभी उलझनें __ ये सारी ‘एक्सपिरियन्स' वाली, अनुभव सहित बातें ही बता रहा हूँ। यदि खुद ने नहीं किया है न, तो मेरे ज्ञान में देखे गए उपाय हैं। इंसान को समाधान तो चाहिए न! वर्ना समाधान के बिना इंसान उलझन में रहता है। लोगों को समाधान नहीं मिलता, इसीलिए उलझन में पड़ जाते हैं, सभी उलझन में रहते हैं। तब फिर उलझन आ जाए तब क्या करना चाहिए? और यह दुनिया तो उलझन का ही कारखाना है ! 'द वर्ल्ड इज़ द पज़ल इटसेल्फ।' यानी 'इटसेल्फ पज़ल' हो गया है यह !
इसीलिए तो मैं कहता हूँ न, कि यह 'अक्रम विज्ञान' है! ऐसे लोगों को विज्ञान दिया है, जो अभी इसके लिए तैयार नहीं हुए हैं यानी कि उन्हें, जो इसकी 'बाउन्ड्री' में भी नहीं आए हैं! लेकिन वह भी, अगर उनके पुण्य होंगे तभी प्राप्ति हुई है न? इसलिए हमने कहा है कि व्यवहार में, इस तरह कार्य करवाओ कि किसी को भी दुःख न हो, और अपनी भावना, अपना रवैया भी वैसा ही होना चाहिए।
जीवन, खेंच रहित प्रश्नकर्ता : दादा का 'ज्ञान' मिलने के बाद साधारण तौर पर जीवन किस तरह का होना चाहिए?
दादाश्री : जीवन खेंच रहित होना चाहिए। प्रश्नकर्ता : खेंच किस तरह होती है ?