Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Rajendramuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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१४०]
[जीवाजीवाभिगमसूत्र ,
(५) एतासिं णं भंते ! तिरिक्खजोणित्थियाणं जलयरीणं थलयरीणं खहयरीणं, मणुस्सित्थियाणं कम्मभूमियाणं अकम्मभूमियाणंअंतरदीवियाणं, देवित्थियाणंभवणवासियाणं वाणमंतरीणं जोतिसियाणं वेमाणिणीण य कयराओ कयराहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा?
गोयमा ! सव्वत्थोवाओ अंतरदीवग अकम्मभूमिग-मणुस्सित्थियाओ, देवकुरु-उत्तरकुरु अकम्मभूमिग-मणुस्सित्थियाओ दो वि तुल्लाओ संखिज्जगुणाओ, हरिवासरम्मगवास अकम्मभूमिग-मणुस्सित्थियाओ दो वि तुल्लाओ संखिज्जगुणाओ, हैमवत हेरण्णवयवास अकम्मभूमिग-मणुस्सित्थियाओदो वितुल्लाओ संखिज्जगुणाओ, भरहेरवयवास कम्मभूमिग-मणुस्सित्थियाओ दो वि तुल्लाओ संखिज्जगुणाओ, पुष्वविदेह-अवरविदेहवास कम्मभूमिग-मणुस्सित्थियाओ दो वितुल्लाओ संखिज्जगुणाओ, वेमाणियदेवत्थियाओ असंखेज्जगुणाओ, . भवणवासिदेवित्थियाओ असंखेज्जगुणाओ, खहयरतिरिक्खजोणित्थियाओ असंखेज्जगुणाओ, थलयरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखिज्जगुणाओ, जलयरतिरिक्खजोणित्थियाओ संखिज्जगुणाओ, वाणमंतरदेवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ, जोइसियदेवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ।
[५०] (१) हे भगवन् ! इन तिर्यक्योनिक स्त्रियों में, मनुष्यस्त्रियो में और देवस्त्रियों में कौन किससे अल्प हैं, अधिक हैं, तुल्य हैं या विशेषाधिक हैं ?
गौतम ! सबसे थोड़ी मनुष्यस्त्रियां, उनसे तिर्यक्योनिकस्त्रियां असंख्यातगुणी, उनसे देवस्त्रियां असंख्यातगुणी हैं।
(२) भगवन् ! इन तिर्यक्योनिक की जलचरी, स्थलचरी और खेचरी में कौन किससे अल्प, अधिक, तुल्य या विशेषाधिक हैं ?
गौतम ! सबसे थोड़ी खेचर तिर्यक्योनिक की स्त्रियाँ, उनसे स्थलचर तिर्यक्योनिक की स्त्रियां संख्यात गुणी, उनसे जलचर तिर्यक्योनिक की स्त्रियां संख्यातगुणी हैं।
(३) हे भगवन् ! कर्मभूमिक, अकर्मभूमिक और अंतरद्वीप की मनुष्यस्त्रियों में कौन किससे अल्प, अधिक, तुल्य या विशेषाधिक हैं ?
गौतम ! सबसे थोड़ी अंतीपों की मनुष्यस्त्रियां, उनसे देवकुरु-उत्तरकुरु-अकर्मभूमि की मनुष्यस्त्रियां दोनों परस्पर तुल्य और संख्यातगुणी हैं, उनसे
हरिवास-रम्यकवास-अकर्मभूमि की मनुष्यस्त्रियां परस्पर तुल्य और संख्यातगुणी हैं, उनसे