Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Rajendramuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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द्वितीय प्रतिपत्ति : कालस्थिति]
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धर्माचरण की अपेक्षा जघन्य अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट देशोन पूर्वकोटि। जघन्य अन्तर्मुहूर्त की स्थिति बाह्यलिंग प्रव्रज्या-प्रतिपत्ति की अपेक्षा से है अन्यथा चरणपरिणाम तो एक सामयिक भी सम्भव है। अथवा देशविरति के बहुत भंग होने से जघन्य से अन्तर्मुहूर्त का सम्भव है। आठ वर्ष की वय के बाद चरण-प्रतिपत्ति होने से पूर्वकोटि आयु वाले की अपेक्षा से देशोन पूर्वकोटि उत्कर्ष से स्थिति कही है।
___कर्मभूमिक मनुष्यों की जघन्य स्थिति एक अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट तीन पल्योपम की है। चारित्रधर्म की अपेक्षा इनकी जघन्य से अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट देशोन पूर्वकोटि है।
भरत और ऐरवत कर्मभूमिक मनुष्य पुरुषों की जघन्य स्थिति क्षेत्र की अपेक्षा एक अन्तर्मुहूर्त की है और उत्कृष्ट तीन पल्योपम की है। यह सुषमासुषम काल की अपेक्षा से है। चारित्रधर्म की अपेक्षा जघन्य स्थिति एक अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट देशोन पूर्वकोटि है।
पूर्वविदेह-पश्चिमविदेह पुरुषों की क्षेत्र की अपेक्षा जघन्य अन्तर्मुहूर्त और उत्कर्ष से देशोन पूर्वकोटि है। चरणधर्म को लेकर जघन्य अन्तर्मुहूर्त और उत्कर्ष से देशोन पूर्वकोटि है।
__ अकर्मभूमि मनुष्य पुरुषों की सामान्यतः जन्म की अपेक्षा जघन्य स्थिति पल्योपम के असंख्यातवें भाग से हीन एक पल्योपम की है और उत्कृष्ट तीन पल्योपम की है। संहरण की अपेक्षा जघन्य अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट से देशोन पूर्वकोटि।
हैमवत और ऐरण्यवत के मनुष्य पुरुषों की स्थिति जन्म की अपेक्षा जघन्य से पल्योपमासंख्येयभाग हीन एक पल्योपम की है। उत्कर्ष से पूर्ण एक पल्योपम की है। संहरण की अपेक्षा जघन्य अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट देशोन पूर्वकोटि है।
हरिवर्ष, रम्यकवर्ष के मनुष्य पुरुषों की स्थिति जन्म की अपेक्षा पल्योपमासंख्येयभाग हीन दो पल्योपम की है और उत्कृष्ट परिपूर्ण दो पल्योपम की है। संहरण की अपेक्षा जघन्य अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट देशोन पूर्वकोटि है।
देवकुरु-उत्तरकुरु के मनुष्य पुरुषों की स्थिति जन्म की अपेक्षा जघन्य पल्योपमासंख्येयभाग हीन तीन पल्योपम की है और उत्कृष्ट परिपूर्ण तीन पल्योपम है। संहरण की अपेक्षा जघन्य अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट देशोन पूर्वकोटि है।
अन्तर्वीपों के मनुष्य पुरुषों की स्थिति जन्म की अपेक्षा जघन्य पल्योपम के देशोन असंख्यातवें भाग रूप है, उत्कृष्ट से देशोन पूर्वकोटि है। संहरण की अपेक्षा जघन्य से एक अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट से देशोन पूर्वकोटि है। देव पुरुषों की स्थिति
प्रज्ञापना में देव पुरुषों की स्थिति इस प्रकार कही गई हैदेव पुरुषों की औधिक स्थिति जघन्य से दस हजार वर्ष और उत्कृष्ट तेतीस सागरोपम।