Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Rajendramuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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द्वितीय प्रतिपत्ति: नवविध अल्पबहुत्व]
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उनसे जलचर तिर्यक्योनिक पुरुष संख्यातगुण हैं, उनसे जलचर तिर्यक्योनिक स्त्रियां संख्यातगुण हैं, उनसे वानव्यन्तर देवपुरुष संख्यातगुण हैं, उनसे वानव्यन्तर देवियां संख्यातगुणी हैं, उनसे ज्योतिष्क देवपुरुष संख्यातगुण हैं, उनसे ज्योतिष्क देवस्त्रियां संख्यातगुण हैं, उनसे खेचर तिर्यक्योनिक नपुंसक संख्यातगुण हैं, उनसे स्थलचर ति. यो. नपुंसक संख्यातगुण हैं, उनसे जलचर ति. यो. नपुंसक संख्यातगुण हैं, उनसे चतुरिन्द्रिय नपुंसक विशेषाधिक हैं, उनसे त्रीन्द्रिय नपुंसक विशेषाधिक हैं, उनसे द्वीन्द्रिय नपुंसक विशेषाधिक हैं, उनसे तेजस्कायिक एके. ति. यो. नपुंसक असंख्यातगुण हैं, उनसे पृथ्वीकायिक एके. ति. यो. नपुंसक विशेषाधिक हैं, उनसे अप्कायिक एके. ति. यो. नपुंसक विशेषाधिक हैं, उनसे वायुकायिक एके. ति. यो. नपुंसक विशेषाधिक हैं, उनसे वनस्पतिकायिक एकेन्द्रिय तिर्यक्योनिक नपुंसक अनन्तगुण हैं। विवचेन-प्रस्तुत सूत्र में नौ अल्पबहुत्व की वक्तव्यता है।
(१) प्रथम अल्पबहुत्व सामान्य से स्त्री, पुरुष और नपुंसक को लेकर है। (२) दूसरा अल्पबहुत्व सामान्य से तिर्यक्योनिक स्त्री, पुरुष और नपुंसक विषयक है। (३) तीसरा अल्पबहुत्व सामान्य से मनुष्य स्त्री, पुरुष और नपुंसक को लेकर है। (४) चौथा अल्पबहुत्व सामान्य से देव स्त्री, पुरुष और नारक नपुंसक को लेकर है। देवों में नपुंसक नहीं होते और नारक केवल नपुंसक ही होते हैं, अतः देवस्त्री देवपुरुष के साथ नारकनपुंसकों का अल्पबहुत्व बताया गया है। (५) पांचवें अल्पबहुत्व में सामान्य की अपेक्षा पूर्वोक्त सबका मिश्रित अल्पबहुत्व कहा है।
__ (६) छठा अल्पबहुत्व विशेष को लेकर (भेदों की अपेक्षा से ) तिर्यक्योनिक स्त्री, पुरुष, नपुंसक विषयक है। (७) सातवां अल्पबहुत्व विशेष-भेदों की अपेक्षा से मनुष्य स्त्री, पुरुष, नपुंसक के संबंध में है। (८) आठवां अल्पबहुत्व विशेष की अपेक्षा से देव स्त्री, पुरुष और नारक नपुंसकों को लेकर कहा गया है। (९) नौवां अल्पबहुत्व तिर्यंच और मनुष्य के स्त्री पुरुष एवं नपुंसक तथा देवों के स्त्री, पुरुष तथा नारक नपुंसकों का-सब विजातीय व्यक्तियों का मिश्रित अल्पबहुत्व है।
मलयगिरिवृत्ति में यहाँ आठ ही अल्पबहुत्व का उल्लेख है। पहला अल्पबहुत्व जो सामान्य स्त्री