Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Rajendramuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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द्वितीय प्रतिपत्ति: नवविध अल्पबहुत्व]
[१८९
उनसे माहेन्द्रकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे सनत्कुमारकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे दूसरी पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण, उनसे ईशानकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे ईशानकल्प की देवस्त्रियां संख्यातगुणी, उनसे सौधर्मकल्प के देवपुरुष संख्यातगुण, उनसे सौधर्मकल्प की देवस्त्रियां संख्यातगुणी, उनसे भवनवासी देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे भवनवासी देवस्त्रियां संख्यातगुणी, उनसे इस रत्नप्रभापृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण, उनसे वानव्यन्तर देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे वानव्यन्तर देवस्त्रियां संख्यातगुणी, उनसे ज्योतिष्क देवस्त्रियां संख्यातगुणी हैं।
(९) हे भगवन् ! इन तिर्यक्योनिक स्त्रियों-जलचरी स्थलचरी व खेचरीयों में, तिर्यक्योनिक पुरुषों-जलचर, स्थलचर, खेचरों में तिर्यक्योनिक नपुंसकों-एकेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक नपुंसकों, पृथ्वीकायिक एके. ति. नपुंसकों, अप्कायिक एकं ति. नपुंसकों यावत् वनस्पतिकायिक एके. ति. नपुंसकों में, द्वीन्द्रिय ति. नपुसंकों में, त्रीन्द्रिय ति. नपुंसकों में, चतुरिन्द्रिय ति. नपुंसकों में, पंचेन्द्रिय ति. नपुंसकों-जलचर, स्थलचर, खेचर नपुंसकों में, मनुष्यस्त्रियों-कर्मभूमिका, अकर्मभूमिका, अन्तर्दीपिका स्त्रियों में, मनुष्यपुरुषों-कर्मभूमिक, अकर्मभूमिक, अन्तर्दीपिकों में, मनुष्य नपुंसकों-कर्मभूमिक, अकर्मभूमिक, अन्तर्दीपिकों में, देवस्त्रियोंभवनवासिनियों, वानव्यन्तरियों, ज्योतिषिणियों मं वैमानिक देवियों में, देवपुरुषों में-भवनवासी वानव्यन्तर, ज्योतिष्क, वैमानिक देवों में, सौधर्मकल्प यावत् ग्रैवेयकों में, अनुत्तरोपपातिक देवों में नैरयिक नपुंसकोंरत्नप्रभापृथ्वी नैरयिक नपुंसकों यावत् अधःसप्तम पृथ्वी नैरयिक नपुंसकों में कौन किससे अल्प, अधिक, तुल्य या विशेषाधिक हैं ?
___ गौतम ! अन्तर्दीपिक अकर्मभूमिक मनुष्यस्त्रियां और मनुष्यपुरुष-ये दोनों परस्पर तुल्य और सबसे थोड़े हैं, ___ उनसे देवकुरु-उत्तरकुरु अकर्मभूमिक मनुष्य स्त्रियां और पुरुष दोनों तुल्य और संख्यातगुण हैं,
इसी प्रकर अकर्मभूमिक हरिवर्ष-रम्यकवर्ष की मनुष्यस्त्रियां और मनुष्य पुरुष दोनों तुल्य और संख्यातगुण हैं । इसी प्रकार हैमवत-हैरण्यवत के स्त्री पुरुष तुल्य व संख्यातगुण हैं । भरत-ऐरवत कर्मभूमिक मनुष्यपुरुष दोनों यथोत्तर संख्यातगुण हैं,
उनसे भरत-एरवत कर्मभूमिक मनुष्यस्त्रियां दोनों संख्यातगुण हैं,