Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Rajendramuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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द्वितीय प्रतिपत्ति :स्त्रीवेद की स्थिति]
- [१४५
. स्त्रीवेद की बन्धस्थिति के पश्चात् गौतमस्वामी ने स्त्रीवेद का प्रकार पूछा है । इसके उत्तर में भगवान् ने कहा कि स्त्रीवेद फुम्फुक (कारीष-छाणे) की अग्नि के समान होता है, अर्थात् वह धीरे धीरे जागृत होता है और देर तक बना रहता है। इस प्रकार स्त्रीविषयक अधिकार समाप्त हुआ। पुरुष-सम्बन्धी प्रतिपादन
५२. से किं तं पुरिसा? पुरिसा तिविहा पण्णत्ता, तं जहा-तिरिक्खजोणियपुरिसा, मणुस्सपुरिसा, देवपुरिसा। से किं तं तिरिक्खजोणियपुरिसा ? । तिरिक्खजोणियपुरिसा तिविहा पण्णत्ता, तं जहा-जलयरा, थलयरा, खहयरा । इत्थिभेदो भाणियव्यो जाव खहयरा। से त्तं खहयरा, से तं खहयर तिरिक्खजोणियपुरिसा। से किं तं मणुस्सपुरिसा?
मणुस्सपुरिसा तिविधा पण्णत्ता, तं जहा-कम्मभूमगा, अकम्मभूमगा, अतंरदीवगा।से तं मणुस्सपुरिसा।
से किं तं देवपुरिसा? देवपुरिसा चउव्विहा पण्णत्ता, इत्थीभेदो भाणियव्वो जाव सव्वट्ठसिद्धा। [५२] पुरुष क्या हैं-कितने प्रकार के हैं ? पुरुष तीन प्रकार के हैं-तिर्यक्योनिक पुरुष, मनुष्य पुरुष और देव पुरुष। तिर्यक्योनिक पुरुष कितने प्रकार के हैं ? तिर्यक्योनिक पुरुष तीन प्रकार के कहे गये हैं, यथा-जलचर, स्थलचर और खेचर।
इस प्रकार जैसे स्त्री अधिकार में भेद कहे गये हैं, वैसे यावत् खेचर पर्यन्त कहना। यह खेचर का और उसके साथ ही खेचर तिर्यक्योनिक पुरुषों का वर्णन हुआ।
भगवन् ! मनुष्य पुरुष कितने प्रकार के हैं ?
गौतम ! मनुष्य पुरुष तीन प्रकार के हैं-कर्मभूमिक, अकर्मभूमिक और अन्तर्वीपिक। यह मनुष्यों के भेद हुए ।
देव पुरुष कितने प्रकार के हैं ?
देव पुरुष चार प्रकार के हैं। इस प्रकार पूर्वोक्त स्त्री अधिकार में कहे गये भेद कहते जाने चाहिए यावत् सर्वार्थसिद्ध तक देव भेदों का कथन करना।
विवेचन-पुरुष के भेदों में पूर्वोक्त स्त्री अधिकार में कहे गये भेद कहने चाहिए। विशेषता केवल देव पुरुषों में है। देव पुरुष चार प्रकार के हैं-भवनपति, वानव्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिक। भवनपति के असुरकुमार आदि १० भेद हैं । वानव्यन्तर के पिशाच आदि आठ भेद हैं, ज्योतिष्क के चन्द्रादि पांच भेद