Book Title: Abhidhan Rajendra Kosh ki Shabdawali ka Anushilan
Author(s): Darshitkalashreeji
Publisher: Raj Rajendra Prakashan Trust
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सत्य-असत्य की चतुर्भङ्गी अलीकवचन बोलने से हानि
आदर्श वचन, सत्य के गुण, सत्य बोलने से लाभ सर्वथा अदत्तादानविरमण : तृतीय महाव्रत
क. द्रव्य-अदत्तादान विरमण, ख. क्षेत्र अदत्तादान विरमण ग. काल अदत्तादान विरमण, घ.भाव अदत्तादान विरमण तृतीय महाव्रत के सुचारुपालन की विधि अदत्तादान विरमण व्रत के लाभ
अदत्तादान ग्रहण से हानि सर्वथा मैथुन विरमण : चतुर्थ महाव्रत ......
ब्रह्मचर्य की नव गुप्ति मैथुन के दोष/अब्रह्मब से हानि ब्रह्मचर्य का माहात्म्य-महिमा
ब्रह्मचर्य पालन से लाभ सर्वथा परिग्रहविरमण : पञ्चम महाव्रत .....
उपकरण ओघोपधि- औपग्रहिक उपधि-लाभ ............
जैन मुनि के श्वेतवस्त्र विधान का हेतु सर्वथा रात्रि भोजन विरमण : षष्ठ महाव्रत ........ महाव्रतों का माहात्म्य ......... महाव्रतों में दोष लगने का कारण ............. महाव्रत पालन से लाभ ...... महाव्रतों के रक्षार्थ भावनाएँ ............
प्रथम महाव्रत रक्षार्थ पांच भावनाएँ द्वितीय महाव्रत रक्षार्थ पांच भावनाएँ तृतीय महाव्रत रक्षार्थ पांच भावनाएँ चतुर्थ महाव्रत रक्षार्थ पांच भावनाएँ
पञ्चम महाव्रत रक्षार्थ पांच भावनाएँ सद्भावनाओ का फल .... पञ्चाचार .................
1. ज्ञानाचार, 2. दर्शनाचार, 3. चारित्राचार, 4. तप आचार, 5. वीर्याचार
आचार के दोष अष्ट प्रवचनमाता (समिति-गुप्ति) समिति-समितियों के पांच भेद
1. ईर्या समिति, 2. भाषा समिति 3. एषणा समिति 4. आदानभाण्डमात्रक निक्षेपणा समिति
5. उच्चार-प्रस्रवण-खेल-जल्ल-शिवाण-परिष्ठापनिका समिति गुप्ति-गुप्ति के भेद
मनो गुप्ति, वचन गुप्ति, काय गुप्ति
गुप्तियों का माहात्म्य दस यतिधर्म ........
(1) क्षान्ति-क्षान्ति की प्राप्ति का क्रम, क्षान्ति के भेद, क्षमा धर्म (2) मार्दव धर्म (3) आर्जव धर्म (4) मुक्ति धर्म (5) तप धर्म (6) संयम धर्म-संयम के भेद (7) सत्य धर्म (8) शौच धर्म (9) आकिञ्चन धर्म (10) ब्रह्मचर्य धर्म, त्याग धर्म
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