________________ तुलनात्मक धर्मविचार. वैसे ही बैबिलोनिया में भी हुआ मालूम पड़ता है और इस पर वहां, उस के धर्म में अन्तर्भाव किया हुआ प्रतीत होता है। __ जो जादु के तजुर्वे समाज को हानि पहुंचानेके लिए व्यक्तिकी तरफ से अज़माए जाते हैं उन से समाज के देवताओं को कोप होता है ऐसा माना जाता है। और ऐसी क्रियाओं को अधार्मिक समझ कर दूषित ठहराया जाता है। पर जब तक सर्वसामान्य उपद्रवों से पीड़ित समाज उन के निवारण करने के लिए बलिदान देकर उन के उत्पादकों को विसर्जन होने की प्रार्थना करने के उपरान्त कुछभी विशेष कर नहीं सकता, वहां तक ऊपर बताए हुए दोष कमज़ोर और व्यर्थ हैं। ऐसी दशामें भी जादु अथवा तत्संबंधी प्रतिकार क्रिया करके अपने आत्मबल से मनुष्यों को देवताओं को अथवा भूत आदि को आधीन रखनेवाले मनुष्य और अपने नेताद्वारा आई हुई आफत को दूर करने के लिए प्रार्थना करने वाला समाज, इन दोनों के दरम्यान का अच्छी तरह फरक मालूम होता है। ___ अभी तक हमने मनुष्यों पर पड़ने वाली आफतों तथा उपद्रवों के होने वाले कारण पूरे तौर से नहीं लिखे भूत प्रेत के विषय में हमको अभी कुछ कहना बाकी है। देवताओं और जादुगरों जितना ही उनका भी विस्तार दुनिया में देखने में आता है और भूतादि के आविर्भाव होने से आफतें आती