________________ तुलनात्मक धर्मविचार एकदम आत्मारूप मानकर वह ऐसा मानते हैं और ऐसा मानने बालों के संबंध में रेखा के दो सिरे नहीं होते परन्तु एक ही होता है। दूसरे बहुत से ऐतिहासिक धर्मों में जीते रहे मनुष्यों का-मृत्यु के बाद भावी क्या होगा-यह प्रश्न बहुत ही थोड़े काम का और नीरस प्रतीत होता था परन्तु मृत मनुष्य भूत होकर जीवित मनुष्यों को आकर तंग करें ऐसी संभावना रहती है उस का क्या करना ? इस प्रश्नने उन का ध्यान विशेष अंश में बैंचा था। व्यवहारिक प्रश्न ऐसा था कि भूत जाता रहे और सदा के लिए दूर रहे तो अच्छा और उसे किस तरह से ललचाना चाहिए ! सामान्य रीति से मृत्यु के बाद की क्रियाएं और विधिएं सदा आरंभ से ही भूत को दूर रखने के लिए ही घड़ी गई होंगी और प्रचलित की गई होंगी। मृत मनुष्य यह लोक छोड़ जाते हैं, वह चले गए हैं वह मात्र कचित् भूत के रूप में पुनः आते हैं और वह भी तब जब उन्हें दबाया नहीं जाता था या विधि पूर्वक दबाए नहीं जाते थे। जब एक वार मृत्यु उपरान्त कीजानेवाली क्रियाएं प्रचलित हो जाती हैं तब जो मर गया हुआ मनुष्य स्वप्न में अथवा भूत रूप में दिखाई देता है तो उस के संबंध में ऐसा निर्णय किया जाता है कि उस के शरीर की यथार्थ रीति से व्यवस्था नहीं की गई हो उस का यह परिणाम है और इस प्रकार प्राचीन समय के मनुष्योंने मृत मनुष्य के लौट आने का ऐसा कारण ढूंड