________________ द्वंद्ववाद. मर गया होगा उसी जगह वह उठकर खड़ा होगा और उसके सब गुणधर्म उस में फिर आ जाएंगे। इस पुनर्जीवन के प्रसंग पर पुण्यशाली और पापी उठकर खड़े होंगे और पहले स्वर्ग में जाएंगे दूसरे नरक में / उस समय पुण्यशाली पापियों के लिए और पापी अपने लिए बहुत ही पश्चात्ताप करेंगे और सब दुनिया में दुःख और रोना हो जाएगा / जितना दुःख एक लेले को भेड़िए से मारे जाने पर होता है उतना ही दुःख सारी दुनिया को होगा। तब सब पहाड़ और चोटियें गलकर ज़मीन पर फैलेंगी और प्रत्येक को इस पिघले हुए पत्थर को पार करना पड़ेगा इस परीक्षा में प्रत्येक को पार होना पड़ेगा ईमानदार मनुष्यों को यह प्रवाह गरम दूध जैसा प्रतीत होगा और पापियों को चमकते अंगारे जैसा लगेगा यह परीक्षा पूर्ण हुए बाद जो लोग जीते रहेंगे वह सब मिलजुल कर रहेंगे और परस्पर स्नेह रखेंगे और वह एक मत से अहुरमझद की प्रशंसा करेंगे अंत में पुण्य की शक्ति का और पाप की शक्ति का अन्तिम युद्ध होगा। अहिमान और उसके दुष्ट सैन्य को पिघलते पत्थर के प्रवाह में फेंक दिया जायगा तब सब दुनिया की शुद्धि होगी और सारा भूमंडल अहुरम्झद की सत्ता से व्याप्त होगा और उस समय जो जो होगा वह सब अमर हो जाएगा और दिव्य परिपूर्णता पाएंगे। __अन्तिम न्याय के दिन पुण्यशाली मनुष्य कृत कृत होंगे ऐसा बताया है / यह पारसियों के लिए ही है / पापी मनुष्य