________________ तुलनात्मक धमविचार. 133 अंत मृत्यु से नहीं आता / ऐशिया और आफ्रिका की कितनी जातियों में तथा मध्य अमेरिका मलाया द्वीप न्यु हेब्रिडीज़ और आस्ट्रेलिया की कितनी जातियों में देखा जाने वाला सुन्नत का रिवाज प्राचीन काल से याहूदिओं में प्रचलित था। याहूदी धर्म के विकासक्रम की जिस अवस्था में यह यह रिवाज अनिवार्य माना जाता था और याहूदी जाति का चिन्ह रूप माना जाता था उस समय विकासक्रम की उसी अवस्था में रही हुई दूसरी जातियों की तरह दूसरे रिवाज भी याहूदी धर्म में प्रचलित होंगे ऐसा हम मान सकेंगे। याहूदी समाज का जो देवता रक्षण करता था और जिसकी याहूदी यज्ञ से पूजा करते थे उस देव का नाम रखे जाने के पूर्व ही अर्थात् ' यहोवाह ' नाम अस्तित्व में आया उसके पूर्व समय से ही सुन्नत का रिवाज प्रचलित है ऐसी कल्पना हम स्थिर करेगें। ___अब जो हम तुलनात्मक पद्धति से याहूदी धर्म की सेमेटिक प्रजा की दूसरी शाखाओं का धर्म के साथ मुकाबला करेंगे तो हमें प्रतीत होगा कि इस में की एक शाखा फिनीश्यन अनेक देववादी होने पर भी प्राचीन पद्धति पर आरूढ़ रहने से देवता का विशेष नाम न रखने से सामान्य नाम ही रखते थे। सामान्य रीति से फिनीश्यन अपने देवताओं का 'बे आल' अर्थात् प्रयुक्त वर्ग का तथा भूमि का पति और दोनों का रक्षक कहते। फिनीश्यनों की सब जातिएं अपने