________________ 228 एकेश्वर वाद. बड़े ऐश्वर्य वाले अमुक अमुक नाम के देवता माने जाते थे तथा उनकी पूजा को महत्व दिया जाता था ऐसा मि. लैंगने सिद्ध किया है / प्राचीन धर्मप्रचारकों के अथवा संशोधकों के सहवास से ऐसे बड़े देवताओं की भावना उनमें प्रविष्ट हुई है ऐसे वितर्क का मि. लैंगने संतेषकारक रीति से खंडन. किया है / इस लिए यह भावना उनकी अपनी ही हो ऐसा हम निःशंक मान कर आगे चलेंगे। __अब इस पर से हम यथार्थ रीति में क्या अनुमान कर सकते हैं ? ऐसा प्रश्न उत्पन्न होता है / जंगली लोग बड़े. देवताओं को मानते थे ऐसा साबित करने वाले मि. लैंग भी किसी स्थल पर नहीं सूचित करते / वह लोग एकेश्वरवादी थे ऐसा बड़े देवता-सब पिता-जैसे कि ' दर मुलुन' बेइयामई और टवोन्यिनिका के मानने वाले आस्ट्रेलिया के आदि रहवासी निश्चित रूप से अद्वैतवादी नहीं / एनिएम्बे के मानने वाले पश्चिम अफ्रीका निवासी अनेक देववादी हैं वैसे ही उनकुतुन्कुलू एक ही जुलुओं का देव नहीं / इन बड़े देवताओं का अनेक देववाद की रचनामें अथवा भूत प्रेत राक्षस इत्यादि. के समूह में समावेश नहीं होता परन्तु इनके साथ साथ ही उन देवों की पूजा की जाती है तब ऐसे सान्निध्य पर से क्या अनुमान हो सकता है ! इसमें ऐसा भी हो सकता है कि ऐसे बड़े देवों की पूजा परापूर्व से चली आ रही हो। उनके नाम दिए हुए होने से इतना तो सिद्ध होता है कि वह