________________ तुलनात्मक धम्मविचार. प्राचीन देव हैं और इसके अतिरिक्त यह भी कल्पना कर सकते हैं कि जिस काल में मनुष्य एक ही ईश्वर को मानते होंगे उसी समय के यह देव होंगे और उसी समय से चलकर आजतक स्थिर रहे होंगे। परन्तु ऐसी कल्पना के विरुद्ध कितनीही बातें हैं जिनका हमें विचार करना पड़ता है। प्रथम तो हमें यही विचित्र प्रतीत होगा कि आफ्रिका के रहवासी हबशी, आस्ट्रेलिया के काले आदमी और पेन्टेगोनिया के बीसवीं सदी तक प्राचीन एकेश्वरवाद की स्मृति रख सके और तीन चार हजार वर्ष के पूर्व युरोपीय प्रजाओं के पूर्वजों के मनमें उसकी स्मृति ही न रही / दूसरी बात यह है कि यह सब पितर अथवा बड़े देवताओं की पूजा नहीं कीजाती और उसके निकट के दूसरे अनेक देवों तथा भूत प्रेतादि की पूजा की जाती है / इस परसे यदि हम एसा मानें कि आधुनिक समय जैसे प्राचीन काल में भी ऐसे देवताओं की पूजा नहीं की जातीथी तो हमें ऐसे सिद्धांत पर आना पड़ेगा कि प्राचीन एकेश्वरवाद के देव की पूजा करने वाले न थे तथा दूसरी ओर हम ऐसा भी मानते हैं कि मनुष्य जिसकी पूजा करें उसे ही देव कहा जाय तो हमें ऐसे निर्णय पर आना पड़ेगा कि एक समय इन बड़े देवों की पूजा की जातीथी और अब वह बंद हो गई है। ऐसे बड़े देवताओंकी मनुष्यों के अभ्युदय निःश्रेयस में भाग नहीं ले सकने से