________________ 74 पितृपूजा. निकाला है कि उस के मरने के बाद बारबार आवश्यक क्रियाएं नहीं की गई ऐसा मान कर मृत मनुष्य को गुस्सा आता है और इसी लिए वह लौट कर आता है। __अब भी कितने मनुष्य भूत को और मृत मनुष्यों के पुनरागमन को मानते हैं और कई नहीं मानते / इसी प्रकार संसार के कितने ऐतिहासिक धर्मों में ऐसी कल्पना देखी जाती है और बैबिलोनिया, असीरिया और याहूदिओं जैसे कई धर्मों में तो निश्चय पूर्वक ऐसा उपदेश किया गया है कि मृत मनुष्य परलोक से लौटते नहीं अलबत जिन धर्मों में ऐसा माना हो कि जीवात्मा एक देह से दूसरे देह में जाते हैं वहां वह भूतरूप में प्रकट नहीं होते ऐसा मानना योग्य है। . जिन धर्मों में ऐसा उपदेश किया है कि परलोक के प्रवासियों का पुनरागमन नहीं होता उनको पितृपूजा का अवकाश ही नहीं रहता; और जहां पितृपूजा देखी जाती है वह पितृपूजा के आरंभ होने से पूर्व भावी जीवन की अवस्थाओं का निर्णय किया जाता है। इस संसार के व्यवहार में मर गए मनुष्यों का भूतादिरूपमें होने की प्रवृत्ति पर ही जीवित मनुष्यों का ध्यान आकर्षित होता है / आधुनिक चीनीओं की तरह प्राचीन रोम और यूनाने वाने मृत मनुष्यों की कैसी दशा होगी अथवा तो उनको रहने का स्थान कैसा मिलेगाइस विषय से पूर्व-मृत मनुष्य उन्हें क्या करेंगे इस विषय पर अधिक ध्यान दिया है।