________________ जादु.. जाए इस लिए स्याना धीमे धीमे मंत्र पढ़ कर उस अंगीठी में जुदी जुदी तरह के पदार्थ जलाता / बीमार आदमी को पेटी बांधी जाती और इसका कारण यह था कि जिस प्रकार वह ढीला होता जाए वैसे वैसे जादुगर की बीमारी से मुक्त होता जाता / जादुगर अथवा चुडैल के प्रतिनिधि रूप मट्टी के, आटे के मोम के अथवा तो लकड़ी के पुतले बना कर बीमार आदमी के माथे के आगे अथवा पांओं के आगे रखे जाते और फिर उन पुतलों को तोड़ दिया, जला दिया या नदी में फेंक दिया जाता अथवा ऐसे स्थानों में दबा दिया जाता जैसे कि दरवाजे में, कबरस्तानमें / बैबिलोनिया के जादु की अथवा प्रतिवाद रूपी जादु के इन सब विधिओं में और दूसरे स्थानों के जादु की विधिओं में कोई फरक नहीं दीख पड़ता। बैबिलोनिया में प्रचलित प्रत्येक जादु का प्रयोग दूसरे देशों तथा दूसरे समय के जादुओं से मिलता है। बाण के फल या भाला के पत्तों के आकार का अक्षरों में लिखा हुआ बैबिलोन धर्म के धार्मिक साहित्य का अन्तिम खंड का बड़ा भाग ऐसे प्रतिकार रूपी जादु के प्रयोगों से भरपूर है / इन प्रयोगों में तथा अन्य सर्व सामान्य जादु के प्रयोगों में इतना फेर है कि इन प्रयोगों का उपयोग करते हुए अमुक अमुक मंत्र पढ़ने पड़ते है और ऐसा करने से मंत्र में निर्दिष्ट देवता की शक्ति से इन प्रयोगों को पुष्टि मिलती है। इस से स्पष्ट