________________ तुलनात्मक धमविचार. 69 उपयोग किया जाता और सामाजिक देवता जिन्हें विश्व देवता गण में इन राक्षसों को दाखल नहीं होने दिया था उनका खास कर्त्तव्य यह था कि वह राक्षसों की दुष्टता के विरुद्ध उद्योग करें, इस प्रकार सामाजिक धर्म में जो प्रतिकार जादु से लोग रोग और मृत्यु रोक सकते तो उसको दाखल करने का यह एक दूसरा कारण होता और इस तरह प्रतिकार जादु को धर्म में दाखल करने से परिणाम यह आया कि प्रथम जिस जादु को हमेशा मनुष्य के कार्य रूप माना जाता था वह अब राक्षसों तथा चुडैलों के जादु के समक्ष प्रतिकार जादु सफल गिना जाता था; तब सात राक्षसों के जादु के बल के सामने होना, प्रतिकार जादु के उपरांत उसके साथ मंत्रों के देवताओं के बल लगाने की जरूरत रहती थी। यद्यपि कुछ काल तक बैबिलोनिया की धार्मिक भावनाने अपने प्रदेश में दाखल हुए हुए जादु के प्रयोगों को सहन किया तो भी अन्त को असीरिया की उन्नति के समय में उसका प्रत्याघात हुआ / रोग और विपत्तिएं लाने वाले राक्षस, सात राक्षस जैसे होते हैं अथवा तो उनको लाने वाला एक ही दुष्ट व्यक्ति होता है और प्राचीन ईरान के द्वंद्ववाद के अहिर्मान की तरह वह रोग और विपत्तिएं लाते हैं। किसी एक देवता के अपराध होने से ही ऐसी विपत्तिएं आती हैं ऐसा भी परिणाम निकल सकता है। समाज और उसके देवताओं के संबंध की