________________ तुलनात्मक धर्मविचार. भी मार्सेल्स की तरह बलिदान रूप में चढाए जाने वाले मनुष्य को एक वर्ष तक वह ऐश आराम में रखते और विशेष कर वह ऐसे मनुष्य को जो देवता के भोग बनने वाले होते हैं उनको देवता के अवतार रूप मानते अर्थात् धान्य के बलिदानों की तरह मनुष्य के बलिदानों को भी वह देवता स्वरूप मानते थे। एज़क्स लोग शूरवीर थे और वह हमेशा युद्ध में पकड़े हुए कैदियों का देवताओं के लिए भोग देते थे। उसी प्रकार बैबिलोनिया के असीरिया और मिसर के लोग भी वैसा ही करते थे / एज़क्स लोगों में धीमे धीमे धार्मिक क्रियाओं की सीमा से अधिक वृद्धि हो गई और उन वृद्धि करने वाले पादरियों का बल पंद्रहवीं शताब्दी में तो विशेष जम गया / वह इतना तक कि इन पर उसी समय जीत पाने वाली स्पेन प्रजा का 'धन्वेिषण मंडल ' की क्रूरता. से भी एज़क्स के पादरिओं का अत्याचार अधिक क्रूर माना जाता / वेद धर्म अथवा ब्राह्मण धर्म में भी इस प्रकार धर्मगुरुओं ने यज्ञ क्रिया में असाधारण वृद्धि की है यह हमारे देखने में आता है। इस धर्म की क्रियाओं में हुई हुई वृद्धि जो कि हमारी मनोवृत्ति को आघात नहीं पहुंचाती कारण कि उस में मनुष्य वध की बू तक नहीं आती। 1 रामन कैथोलिक पंथ से विरुद्ध मत रखने वालों को सज़ा देनेवाली सभा /