________________ '44 यज्ञ. दूसरे धर्मों की तरह वेद धर्म में भी प्रथम देवताओं को चढ़ाए जाने वाले बलिदानों की क्रिया को यज्ञ नाम दिया गया है। अलौकिक व्यक्तिओं के विसर्जन के लिए उन को उद्देश्य कर के ही -- दक्षिणाग्नि ' में होम किया जाता वह ' दक्षिणाग्नि ' की क्रिया प्राचीन यज्ञ क्रिया से सर्वांश में मिलती है और उस में यज्ञ विधि का मूल स्वरूप हमारे दृष्टि गोचर होता है। यज्ञों में मुख्य अश्वमेध भी प्राचीन यज्ञ. विधिओं के परम अवधि रूप होने पर समाज के रक्षण के लिए किए जाने पर सार्वजनिक यज्ञ के रूप हमें मिलता है। ___ इस के उपरांत बोने और काटने के समय किए जाने वाले वार्षिक महोत्सव भी हमारे दृष्टिगोचर होते हैं। मात्र इस देश के लोगों के जीवन, वृष्टि के ही आधीन होने से वर्षाऋतु के प्रारंभ में यहां एक विशेष यज्ञ किया जाता है। जो प्रकृति के तत्व अथवा शक्तियों द्वारा प्रकृति के देवताओं का आविर्भाव होता है उन तत्वों का देवताओं के साथ अभेद भाव माना हुआ है, इस प्रकार होने से ' अग्नि' शब्द का अर्थ अग्नि भी होता है तथा अग्नि देवता भी / -- इन्द्र' को विद्युत् के रूप में वैसे ही विद्युत् को देवता के रूप में मानने में आता है और ' द्यौः ' शब्द आकाश के अर्थ में भी वर्ता जाता है और आकाश देवता के अर्थ में भी /