________________ यज्ञ. लिए बलिदान दिया जाता था; प्रथम तो कोई भी देवता अपने उपासकों को इच्छानुसार देने की शक्ति रखता था ऐसा माना जाता था। परन्तु पीछे से प्रजा में कार्य विभाग के प्रवेश होने से लोगों का विश्वास बदल गया और अमुक देव में अमुक वस्तु ही देने की शक्ति है ऐसा मानने में आया / इस पर से हम देख सकते हैं कि लोगों में कार्य विभाग के प्रचलित होने से यह नियम देवताओं को भी लगाए गए होने चाहिएं। ___ अपनी अभीष्ट वस्तु प्राप्त करने के लिए उत्तम से उत्तम पदार्थों का इस देवता को बलिदान देने में मनुष्य प्रेरा जाय यह स्वाभाविक है इस लिए जिस समय में धान्य अत्यंत दुर्लभ होने से सर्वोत्तम बलिदान गिना जाता था उस समय सामान्य बलिदान रूप में मनुष्यों ने पशुओं की बलि चढ़ानी तथा धान्य का नैवेद्य रखना आरंभ किया होगा ऐसा हम मान .. सकते हैं। अब तुलनात्मक पद्धति से प्राप्त प्रमाणों से हम यह सामान्य फैसला कर सकते हैं कि आफतें लाने वाली व्यक्ति को चले जाने के लिए की जाती प्रार्थना से, उस की तृप्ति के लिये धान्य के बलिदान दिए जाते होंगे और आफतें दूर होने के बाद उस व्यक्ति के साथ हमारा अच्छा संबंध जुड़ता है ऐसा मानने से पुनः बलिदान देकर उस में से कई अंश सब प्रसाद