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में पूर्ण हो जाती है । एक फेल छात्र अपने-आपको प्रथम श्रेणी में पास हुआ देखता है; बड़ी उम्र की अविवाहित लड़की शादी के फेरे खाती है, निर्धन व्यक्ति कार में फर्राटे भरता है, ये सब उनके वास्तविक जीवन की न्यूनता को पूर्णता देने का प्रयास है ।
२. अद्भुत - अपूर्व स्वप्न - दूसरे प्रकार के स्वप्न इस रूप में विलक्षण हैं कि वास्तविक जीवन में वैसा संभव नहीं होता; उदाहरणार्थ कभी ऐसा स्वप्न आता है कि मैं उड़ रहा हूँ — मकानों के ऊपर से, नदियों के ऊपर से पहाड़ों के ऊपर से । कभी क्या देखता हूँ कि कोई अद्भुत जानवर मेरे पीछे दौड़ता चला आ रहा है, जिसके तीन सिर हैं, आठ आँखें हैं, सोलह पैर हैं, आदि ।
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मनोविज्ञान और स्वप्न :
मनोवैज्ञानिक काफी समय से इस गुत्थी को सुलझाने में लगे हैं कि आखिर स्वप्न है क्या ? इसका विश्लेषण कैसे किया जाए ? अमुक प्रकार का स्वप्न आने के पीछे क्या परिस्थितियाँ थीं ? पर वे इस कार्य में सफल - पूर्ण सफल नहीं हो सके । वे सिर पटककर रह गये कि इस प्रकार के अद्भुत विलक्षण स्वप्न आने के क्या रहस्य हैं ? इनका क्या तात्पर्य है ?
स्वप्नों के प्रतीक : डॉ फ्रायड ने अपने प्रसिद्ध ग्रन्थ Dreams में स्वप्नों का आधार काम भावना स्थिर की है । उनके अनुसार वास्तविक जीवन में जितने भी उपकरण हैं, वे दो भागों में बाँटे जा सकते हैं। एक तो पुरुषोचित प्रतीक (Male Sex ) और दूसरे स्त्रियोचित ( Female Sex ) । अस्त्र-शस्त्र, पुरुष वस्त्र, मशीन, नक्शा, पुल, चाबी, लकड़ी, पेड़, सन्दूक, छाता, चाकू आदि पुरुषोचित प्रतीक हैं, इसके विपरीत दरवाजे, ताला, गुफा, टोकरी, कपड़ों के भंडार, बर्तन, मशीन का पिस्टन आदि स्त्रियोचित प्रतीक हैं ।
यह सही है कि संभोग या 'सेक्स' जीवन का एक महत्त्वपूर्ण भाग है पर यही जीवन का मूलाधार है, ऐसा मैं नहीं मानता। डॉ० फ्रायड का दृष्टिकोण एकांगी है। वह समग्र मानव-बिन्दुओं को छूते
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