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भविष्य' का संकेतक है, तथा 'मुर्दे का मुस्कराना' विजय का चिन्ह माना जाता है।
मैंने पूछा-क्या आप कोई मुकद्दमा लड़ रही हैं ? उत्तर मिला-नहीं।
पूछा- क्या निकट समय में होनेवाले चुनावों में भाग लेने की इच्छा है ?
उत्तर मिला-अभी पक्का नहीं।
मैंने कहा-स्वप्न का फलित यही कह रहा है कि निकटभविष्य में आप चुनाव लड़ेंगी, तथा अत्यन्त तीव्रगति से विरोधियों को परास्त करती हुई इक्कीस सौ या इक्कीस हजार से विजयी होकर लक्ष्य तक पहुँच सकेंगी। ____दो महीने बाद हुए चुनाव में ही यह बात ज्यों-की-त्यों सत्य सिद्ध हुई।
स्वप्न को समझना और उसके मूल में जाकर सही व्याख्या प्रस्तुत करना अत्यंत दुष्कर कार्य है। स्वप्न की व्याख्या करते समय व्यक्ति की मनःस्थिति, पारिवारिक आधार आदि का भी विचार कर लेना आवश्यक होता है ।
एक प्रश्न और उठता है कि क्या हम किसी कार्य की शुभाशुभता का ज्ञान स्वप्न द्वारा कर सकते हैं ? या यों कहा जाये कि जब चाहे तब स्वप्न से कुछ भविष्य ज्ञात किया जा सकता है ?
इसके लिये प्राचीन ग्रन्थों में बहुमूल्य विधान है।
सर्वप्रथम जब कोई ऐसी समस्या सामने आ जाए कि अमुक कार्य करूँ या न करूँ, अथवा अमुक कार्य का अन्तिम फल क्या होगा? इसकी जानकारी के लिए उस प्रश्न को एक सफेद स्वच्छ कागज पर साफ-साफ अक्षरों में लिख लें, फिर शाम को पवित्र जल से स्नान कर, शुद्ध वस्त्र पहनकर पूजा-स्थान या घर में किसी शुद्ध स्थान पर ऊन का या कुश का आसन बिछाकर बैठ जायें, तथा 'स्वप्नेश्वरी देवी' का ध्यान करें। सामने प्रामाणिक 'स्वप्नेश्वरी देवी'
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