Book Title: Swapna Jyotish
Author(s): Narayandatt Shrimali
Publisher: Subodh Pocket Books

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Page 36
________________ कमल, विवाह, स्त्री से प्रेम व्यक्त करना, धनप्राप्ति, समुद्रस्नान, तैरना, शिव मन्दिर, देवमूर्ति, मुर्दा, बालक-बालिकाएँ, बैल, ऊँचा मन्दिर, राजसिंहासन, चन्द्र-दर्शन, तारे चमकना, दुष्ट को दण्ड देना, शत्रुदमन, खङ्ग प्राप्त होना, सर्प, परी, अप्सरा या गन्धर्व दिखना, संगीत-मण्ड ली, फलदार वृक्ष, शर्बत पीना या पिलाना, तोरण, तीर्थयात्रा, गंगा-स्नान, धार्मिक स्थानों पर जाना, बन्धन-मुक्ति, शरीर का बढ़ना, सिर पर छाता रखना, शेर, दुग्धपान, अपने शरीर से या नाभि से वृक्षादि की उत्पत्ति, देवार्चन व्रत, पहाड़ को उड़ते हुए देखना, पहाड़ पर चढ़ना, रोना, रोते हुए व्यक्ति को देखना, कुटुम्वी की मृत्यु, विशाल भीड़, भीड़ में भाषण देना, सवारी चढ़ना, अश्वारोहण, किला फतह करना, पुस्तक, ग्रन्थ-रचना, महात्मा के दर्शन आदि शुभ स्वप्न कहे जाते हैं । अशुभ-स्वप्न जलती हुई चिता, राक्षस, दुष्ट व्यक्ति का मिलना, तिरस्कृत या अपमानित होना, राख, सूखा पेड़, काँटेदार पेड़, वीयावान जंगल, फाँसी लगना, घबराना, पसीने-पसीने होना, घी लेना, मीठी चीज खाना, बन्दर, जंगली जानवर पर चढ़ता, भैंस या भैंसा, शरीर पर कीचड़ लगना , एक्सीडेंट, केश गिरना, दाँत टूटना, खाली वर्तन लेकर भटकना, लाल वस्त्र या काले वस्त्र पहनना, परदेश गये पुरुष या स्त्री की मृत्यु की सूचना, गुड़ खाना, मलिन वस्त्र धारण कर भटकना, साँपों से कीड़ा, साँप का पेट में घुसना, हवा में उड़ना, आँधी आना, प्रलय, बाढ़ में बहना, दक्षिण दिशा की यात्रा, जलाशय सूखना, दलदल में फँसना, किसी स्त्री या पुरुष से जबरदस्ती लिपटना, चोरी करना या घर में चोरी होना, ग्रहण, उल्लू दर्शन, भूत-प्रेत व पिशाचों से साक्षात्कार, शिखर गिरना, पहाड़ टूटना, कोलाहल आदि अशुभ स्वप्न कहे जा सकते हैं।

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