Book Title: Swapna Jyotish
Author(s): Narayandatt Shrimali
Publisher: Subodh Pocket Books

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Page 35
________________ का चित्र हो। ध्यान के पश्चात् निम्न मन्त्र का जप करें स्वप्नेश्वरी नमस्तुभ्यं फलाय वरदाय च । मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्व प्रदर्शयः ।। जप करते-करते जब सोने का जी चाहे अथवा आँखें भारी हो जायें, तब प्रश्न लिखा कागज सिर के नीचे रखकर सो जायें। निश्चय ही उस प्रश्न का सही, प्रामाणिक एवं अचूक उत्तर स्वप्न में . ज्ञात होगा। __मैंने, और मेरे बताने पर कई व्यक्तियों ने इसका परीक्षण किया है, और उनके कथनानुसार स्वप्न में जो भविष्यफल ज्ञात हुआ है, वह अक्षरशः सत्य सिद्ध हुआ है। स्वप्न-अवधि ___ रात्रि के पहले पहर में यदि स्वप्न दिखाई दे, तो उसका फल एक वर्ष पश्चात्, दूसरे प्रहर में देखे स्वप्न का फल छः महीनों के बाद, तीसरे प्रहर में दृष्ट स्वप्न का फल तीन मास में तथा अन्तिम प्रहर में देखे स्वप्न का फल एक मास के भीतरभीतर मिलता है। सूर्योदय से कुछ पूर्व देखे स्वप्न का फल तत्काल समझना चाहिए। सूर्योदय के बाद देखे स्वप्न का फल दस दिनों के भीतर मिलता है। यद्यपि आगे के पृष्ठों में मैं प्रत्येक वस्तु के बारे में शुभाशुभता का परिचय दूंगा, पर यहाँ कुछ शुभ एवं अशुभ स्वप्नों को स्पष्ट कर रहा हूँशुभ-स्वप्न गाय, हाथी, रुई, सफेद वस्तुएँ, सफेद पुष्प, राजा, राजपरिवार का कोई सदस्य, ब्राह्मण, ज्योतिषी, सुहागिन स्त्री, गुरु, पुष्प लिये हुए व्यक्ति, चाँदी के बर्तन, दही, चावल, दूसरों को मिष्ठान खिलाना, फल, श्वेत वस्त्र, ध्वजा, ध्वजायुक्त रथ, ३४

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