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में है और स्वप्न देख रहा है ? ___जब 'इलेक्ट्रो एन्सफालोग्राफ' से पता चला कि व्यक्ति स्वप्नलोक में विचरण कर रहा है, तो किसी-दूसरे व्यक्ति की एक विशेष कहानी या घटना 'मस्तिष्क तरंगों' के माध्यम से उस व्यक्ति के मस्तिष्क में उतारी गई, और उसे तुरन्त जगा दिया गया । जगने पर उस व्यक्ति ने वही घटना (जो उसके लिए सर्वथा अपरिचित थी) जो स्वप्न में देखी थी ठीक-ठीक सुना दी।
इससे यह स्पष्ट हो गया कि स्वप्नों के पीछे निश्चित आधार है, तथा वायुमंडल में व्याप्त अणुओं के संघर्षण से स्वप्नों का प्रादुर्भाव होता है।
भविष्यसूचक स्वप्नों के बारे में रूस की प्रसिद्ध संस्था 'कर्ट' ने काफी सफल प्रयोग किये हैं तथा यह सिद्ध कर दिया है कि किसीकिसी मनुष्य के मस्तिष्क की बनावट ही ऐसी होती है कि वह भविष्य-सूचक अणुओं से तुरन्त स्पन्दित हो जाता है, और स्वप्न में देखकर जो घटनाएँ बताता है, वे पूर्णतः सत्य सिद्ध होती हैं।
इस प्रकार के व्यक्तियों में पश्चिमी जर्मनी की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री 'क्रिस्टाइन माइलस' का नाम काफी विख्यात है। उसने स्वप्नों को देखकर जितनी भी घटनाएँ बताई हैं, वे भविष्य में पूर्णतः सही उतरी हैं। उसने इस प्रकार के लगभग १२०० स्वप्न देखे, जो किसी-न-किसी व्यक्ति के भविष्य से संबन्धित थे, और कालान्तर में वे घटनाएँ ज्यों-की-त्यों सही उतरीं ।
भविष्य को देखने या समझने के लिए "टेलीपैथी" का प्रयोग किया जाता है। "टेलीपैथी' का सीधा-सादा रहस्य ही यह है कि 'छठी ज्ञानेन्द्रिय' पर विजय प्राप्त कर ली जाय । इस छोटी-सी पुस्तक में "टेलीपैथी" पर विस्तार से लिखना सम्भव नहीं। समय मिला तो मैं अवश्य पाठकों के हितार्थ इस विषय पर स्वतन्त्र रूप से पुस्तक लिखूगा। छठी ज्ञानेन्द्रिय को जाग्रत करना अथवा विकसित करना
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