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हुए नहीं चल सके हैं। ___ मनोवैज्ञानिकों के साथ-ही-साथ, बल्कि इससे भी काफी पूर्व से ज्योतिर्विज्ञान इस गुत्थी को सुलझाने में व्यस्त रहा है। स्वप्न क्यों आते हैं, इसपर ज्यादा जोर न देकर 'स्वप्न क्या है' इसपर ज्यादा ध्यान ज्योतिषियों ने दिया है । ऊटपटाँग स्वप्नों का हेतु भी उन्होंने ढूंढा है, और उन्होंने अपने अनुभव, ज्ञान तथा ऋषिप्रणीत ज्योतिषसूत्रों के माध्यम से जो निष्कर्ष प्रस्तुत किए हैं, वे सत्यता के पूर्ण सन्निकट हैं, इसमें कोई सन्देह नहीं ।
३. भविष्यसूचक स्वप्न-आदिकाल से ही व्यक्ति इन स्वप्नों के प्रति आकर्षण रखता आया है, तथा व्यक्ति के वर्तमान संदर्भो को ध्यान में रखते हुए इसके फलितार्थों पर भी विचार करता आया है। पर कई बार भविष्यसूचक स्वप्न इस प्रकार से सही उतरते हैं कि आश्चर्य होता है। संसार का इतिहास ऐसे भविष्यसूचक स्वप्नों से भरा पड़ा है । वे केवल संयोग नहीं हो सकते, अपितु इनके पीछे ठोस कारण हैं, जीवन की सही व्याख्या है, भविष्य का कोई सूत्र गुम्फित है ।
अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति लिंकन अपने कार्यों के फलस्वरूप विश्वविख्यात थे । उनके जीवनी-लेखक वार्ड वैमन के शब्दों में___“एक दिन प्रातःकाल ज्योंही मैं 'सुप्रभात' कहने लिंकन के पास गया, तो वह और दिनों की अपेक्षा सुस्त और दुझे-बुझे-से थे। चेहरे पर ओजस्विता में कुछ धूमिलता-सी प्रतीत हो रही थी। बोले'बैठिए मिस्टर वार्ड ! आज मैंने एक अनोखा स्वप्न देखा, - मैंने देखा कि मैं ह्वाइट हाउस (राष्ट्रपति भवन) में इधर-उधर घूम रहा हूँ, चारों तरफ लोग हाथ बाँधे खड़े हैं, चेहरों पर दुःख और आँखों में आँसू हैं । मैं थोड़ा और आगे बढ़ता हूँ कि मेरे कानों में शोकाकुल ध्वनियाँ सुनाई पड़ती हैं, और मैं जल्दी से पूर्वी कक्ष की ओर चल पड़ता हूँ। जैसे ही मैं आगे कदम बढ़ाता हूँ कि एक कमरे में मुझे लाश रखी दिखाई देती है, जो सफेद चादर से ढकी हुई है । मैं अपने पास खड़े व्यक्ति से पूछता हूँ कि यह लाश किसकी है ? तो उत्तर