Book Title: Sumanmuni Padmamaharshi Granth
Author(s): Bhadreshkumar Jain
Publisher: Sumanmuni Diksha Swarna Jayanti Samaroh Samiti Chennai
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मंगलकामनाओं से आप्लावित सन्देशवन्दन-अभिनन्दन के !
संस्मरणव्यतीत पलों के विगत दिनों के !
स्मृतियाँ सजीव हो उठीमुनिपुंगवों की श्रमणीवृन्द की श्रद्धालुओं की !
संयमी जीवन में किये गये सत्कार्यों की अभिवन्दना ! ज्ञान-दर्शन-चारित्र त्रिपथगा को शतश: वन्दना !
दीक्षा-स्वर्ण-जयन्ति पर यही मंगलभावनाधर्मालोक में, ज्ञानालोक में, आत्मालोक में अहर्निश विचरते रहे स्वस्थता एवं दीर्घायु के साथ !
प्रथम खण्ड
जन-जन की यही भावनाएं शुभकामनाएं अभिव्यंजित हुई है इस परिच्छेद में !
बन्दन-भिनन्दन
-भद्रेश जैन
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