Book Title: Samkit Pravesh - Jain Siddhanto ki Sugam Vivechana
Author(s): Mangalvardhini Punit Jain
Publisher: Mangalvardhini Foundation
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________________ णमोकार मंत्र का महत्व एव फल समकित : भाईश्री ! णमोकार मंत्र बहुत ही महत्वपूर्ण' मंत्र है। णमोकार मंत्र के महत्व का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता कि जैनियों के बच्चे-बच्चे को यह याद रहता है। प्रवेश : भाईश्री णमोकार मंत्र में ऐसी क्या बात है कि यह इतना महत्वपूर्ण है ? समकित : वैसे तो बहुत सी बाते हैं लेकिन जो सबसे अच्छी बात है वह यह कि यह एक ऐसा मंत्र है जिसमें भगवान से कुछ माँगा नहीं गया है। क्योंकि माँगने से महत्व कम हो जाता है। प्रवेश : अच्छा, मतलब णमोकार मंत्र में कुछ माँगा नहीं गया इसलिये यह महत्वपूर्ण है, बस... ? समकित : दूसरा यह कि णमोकार मंत्र में किसी एक पूज्य व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूज्य पदों को नमस्कार किया गया है। और पूज्यता आती है गुणों से यानि कि णमोकार मंत्र में गुणों को नमस्कार किया गया है। इसलिये यह केवल जैनों का नहीं, बल्कि जन-जन का मंत्र है। प्रवेश : भाईश्री ! इससे क्या फर्क पड़ता है ? समकित : यदि किसी एक पूज्य व्यक्ति को नमस्कार करते तो सिर्फ उनको ही नमस्कार पहुँचता, लेकिन गुणों को नमस्कार करने से उन सभी पूज्य व्यक्तियों को नमस्कार पहुँच जाता है, जिनके पास वे गुण हैं। प्रवेश : भाईश्री ! यह तो हुई महत्व ही बात। णमोकार मंत्र पढ़ने यानि कि पंच परमेष्ठी को नमस्कार करने का फल क्या है ? 1.significant 2.significance 3.venerable-states 4.qualities