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सन्देश १६७ यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आप सब मिलकर 'मुनिद्वय अभिनन्दन गाभ ग्रन्थ' प्रकाशित करवाने की योजना कर रहे हैं।
आपका प्रस्तावित आयोजन सफल हो और यों आप एक संग्रहणीय कामना अभिनन्दन ग्रन्थ को प्रकाशित कर सकें, इसके लिये मैं शुभ कामना करता हूँ। दिनांक २७ जुलाई, १९७६
-डॉ० रघुवीर सिंह सीतामऊ (मालवा)
(प्रसिद्ध इतिहासविद) दिनांक १८-१०-१९७६
सस्ता साहित्य मण्डल
प्रधान कार्यालय एन-७७, कनॉट सर्कस नई दिल्ली-११०००१
१८-१०-७६ मान्यवर, नमस्कार।
आपका १४ अक्तूबर का पत्र मिला । यह जानकर हर्ष हुआ कि आप मान्यवर श्री कस्तूरचन्दजी महाराज तथा श्री हीरालालजी महाराज के सम्मानार्थ मुनिद्वय अभिनन्दन-ग्रन्थ प्रकाशित कर रहे हैं। मैं आपके इस आयोजन का स्वागत करता हूँ और उसकी सफलता के लिए अपनी आंतरिक मंगल कामनाएँ भेजता हूँ।
कृतज्ञता-ज्ञापन हमारी भारत-भूमि की विशेषता है। मुनिद्वय ने जैनधर्म और समाज के संवर्द्धन के लिए जो सेवाएँ की हैं, वे निस्संदेह सराहनीय हैं। आपके इस अभिनन्दन में मैं पूरे हृदय से आपके साथ हूँ। वस्तुत: यह कार्य बहुत पहले हो जाना चाहिए था।
मेरी प्रभु से कामना है कि मुनिद्वय दीर्घायु हों, स्वस्थ रहें और धर्म के अभ्युदय के साथ-साथ समाज को धर्म प्रभावना के मार्ग पर चिरकाल तक अग्रसर करते रहें। विशेष कृपा।
आपका स्नेहाकांक्षी यशपाल जैन
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