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२१८ मुनिद्वय अभिनन्दन ग्रन्थ
परिवहन संसाधनों की प्रगति की तरफ से भी मुँह नहीं मोड़ा जा सकता है। नर्मदा पर प्रस्तावित अनेक बाँध जब तैयार हो जावेंगे तब जबलपुर से नवगाँव तक कृत्रिम झीलों की एक कड़ी बन जावेगी। इन झीलों से सिंचाई एवं गमनागमन के लिए पर्याप्त जल प्राप्त होने लगेगा । सड़क विकास परियोजना (१९६१ - ८१ ) के अन्तर्गत बरेलीभोपाल, इन्दौर-झाबुआ तथा नादिया नागपुर, बेतूल होशंगाबाद, खण्डवा इन्दौर, रतलाम तथा नीमच को मिलाती हुई राष्ट्रीय महत्व की सड़कों का निर्माण विचाराधीन है । बम्बई- इन्दौर, इन्दौर-भोपाल, खण्डवा - इन्दौर के मध्य रेल लाइनें दोहरी की जाने का विचार है ।
उपर्युक्त विकास कार्यों के पूरा हो जाने पर इटारसी में उर्वरक एवं कागज उद्योग को स्थापित करके लाभप्रद ढंग से चलाया जा सकता है । इसके अतिरिक्त अनेक जगहों पर लाख, गोंद, स्ट्राबोर्ड तथा वनों पर आधारित अनेक उद्योग स्थापित किये जा सकते हैं । इन्दौर में दुग्ध, चीनी, अल्युमीनियम, फाउण्ड्री तथा फोर्जप्लान्ट, रोलिंग मिलों तथा कापर सल्फेट आदि व्यवसायों का भविष्य उज्ज्वल है। जबकि उज्जैन में कृषि यंत्रों, भोपाल में हार्डवेयर, नागदा में अल्युमीनियम, सल्फेट, ब्लीचिंग पाउडर, कास्टिक सोडा, होशंगाबाद में कागज बोर्ड, कांक्रीट पाइप तथा उर्वरक के कारखाने स्थापित किये जा सकते हैं । सम्पूर्ण मालवा में हैन्डलूम व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा सकता है | इसके साथ-साथ विश्व के नवीनतम उद्योग पर्यटन व्यवसाय को भी सांची, पंचमढ़ी तथा अन्य स्थानों पर विकसित किया जा सकता है ।
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