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जंन विद्वानों द्वारा प्रणीत काव्यशास्त्रीय ग्रन्थ ऐतिहासिक पर्यालोधन जैनाचार्यों द्वारा किए गए काव्यशास्त्रीय-चिन्तन के प्रकार १. कवि शिक्षा-ग्रन्थ मोर ग्रन्थकार (५ ग्रन्थ और ११ टीकाएँ) २. अलङ्कार-ग्रन्थ और ग्रन्थकार (२१ ग्रन्थ तथा १८ टीकाएं) ३. नाट्यशास्त्र के ग्रन्थ पौर ग्रन्थकार (१ अन्य तथा १ टीका) ४. छन्दःशास्त्र के अन्य पोर अन्धकार (३ ग्रन्थ तथा टीकाएँ) ५. भजन काव्यशास्त्रीय ग्रन्थों पर जैन माचार्यों की टीकाएं (१३ ग्रन्थ तथा २ टीकाएँ) ६. पर्जन छन्दःशास्त्रीय ग्रन्थों पर जन प्राचार्यों की टीकाएँ (३ ग्रन्थ तथा टीकाएँ)
वाग्देवतावतार आचार्य मम्मट जन्मस्थान तथा जन्मकाल-सम्बन्धी धारणाएं काव्यप्रकाश और उसका महत्त्व काव्यप्रकाश का टीका-साहित्य
काव्यप्रकाश के टीकाकार १. 'सङ्कत'-प्राचार्य मणिक्यचन्द्रसूरि (सन् १११५ ई० जन्मकाल) २. काव्य-प्रकाश-सङ्केत-राजानक रुय्यक (रुचक) (सन् ११३५-६० ई० अनुमानित) ३. काव्यादर्श-सङ्कत-सोमेश्वर भट्ट (सन् १२२५ ई० अनुमानित) ४. बालचित्तानुरञ्जनी-(नरहरि) सरस्वती तीर्थ (सन् १२४१-४२) ५. काव्यप्रकाश-दीपिका-पुरोहित जयन्त भट्ट (सन् १२९४ ई० रचनाकाल) ६. काव्यप्रकाश-विवेक-श्रीधर ठक्कूर तर्काचार्य (तेरहवीं शती ई. का प्रथम चरण) ७. काव्यप्रकाश-दीपिका-महामहोपाध्याय श्रीचण्डीदास (सन् १२७० ई. के निकट) . ८. साहित्य-चूडामणि-लौहित्य भट्ट गोपालसूरि (१३वीं शती ई०) ६. तत्त्व-परीक्षा-सुबुद्धि मिश्र (तेरहवीं शती ई० का उत्तरार्ध) १०. काव्य-प्रकाश-दर्पण-विश्वनाथ कविराज (१३२५ से १३७५ ई.) ११. साहित्य-दीपिका-भास्करभट्ट (चौदहवीं शती ई०) १२. लघूटीका-श्रीविद्याचक्रवर्ती (१४वीं शती ई०) १३. सम्प्रदाय-प्रकाशिनी-(बृहट्टीका)-श्रीविद्याचक्रवती (१४वीं शती ई.). १४. टीका-प्रच्युतठक्कुर तर्काचार्य (सन् १४२५ ई० से १५०० ई०) १५. टीका-वाचस्पति मिश्र (सन् १४५० से १५०० ई.) १६. काव्य-दर्पण-म. म. रलपाणि (मनोपर) ठक्कुर (सन् १४५० ई० से १५०० ई०) १७. टीका-म० म० पक्षधर मिश्र (सन् १४५४ ई.) १८. टीका-पद्मनाभ मिश्र (१४वीं शती ई०) १९. टीका-रत्नेश्वर मिश्र (१४वीं शती ई०) २०. टीका-पुण्डरीक विद्यासागर (१५वीं शती ई० से पूर्व) २१. विस्तारिका-परमानन्द चक्रवर्ती भट्टाचार्य (१५वीं शती ई०)