Book Title: Kalpsutra
Author(s): Bhadrabahuswami, Punyavijay, Bechardas Doshi
Publisher: Sarabhai Manilal Nawab
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माणं पडिपुण्णसव्वमंगलभेयसमागमं पवररयणपरायंतकमलट्ठियं नयगभूसणकरं पभासमाणं सव्वओ चेव दीवयंतं सोमलच्छीनिभेलणं सव्वपावपरिवजिय सुभं भासुरं सिरिवरं सब्बोउयसुरभिकुसुमआसत्तमल्लदाम पेच्छद सा रययपुन्नकलसं ९॥४२॥ तओ पुणो रविकिरणतरुणयोहियसहस्सपत्तसुरहितरपिंजरजलं जलचरपहगरपरिहत्यगमच्छपरिभुजमाणजलसंचयं महंतं जलंतमिव कमलकुवलयउप्पलतामरसपुंडरीयउत्सप्पमाणसिरिसमुदरहिं रमणिजरूवसोभं पमुइयंतभमरगणमतमहुकरिगणोकरोलिभमाणकमलं (अं. २५०) कादंबगवलाहगचंकाककलहंससारसगब्वियसउणगणमिहुणसेविजमाणसलिलं पउमिणिपतोवलग्गजलविद्मुत्तचित्तं च पेच्छह सा हिययर्णयणकंतं पउमसरं नाम सरं सररुहाभिरामं १० ॥४३॥ तओ पुणो चंदकिरणरासिसरिससिखिच्छसोहं चउगमणपक्माणजलसंचयं चक्लचंचलुच्चायप्पमाणकल्लोललोलंततोयं पड्डुपवणाहयचलियचवलपागडतरंगरंगतभंगखोखुम्भमाणसोभंतनिम्मलउकडउम्मीसहसंबंधघावमाणोनियत्तभासुरतराभिरामं महामगरमच्छतिमितिमिगिलनिरुद्धतिलितिलियाभिधायकप्पूरफेणपसरमहानईतुरियवेगसमागयभमगंगावत्तगुप्पमाणुवलंतपचोनियत्तभममाणलोलसलिलं पेच्छइ खीरोयसागरं सरयरयणिकरसोम्मवयणा ११ ॥४४॥ तओ पुणो तरुणसूरमंडलसमप्पमं उत्तमकंचणमहामणिसमूहपवरतेषअट्ठसहस्सदिपंतनभप्पईवं कणगपयरपलंबमाणमुत्तासमुजलं जलंतदिव्वदशमं ईहामिगउसभतुरगनरमगरविहगवालगकिनररुरुसरभचमरसंसतकुंजरवणलयपउ
एक चणं मई महिंदकुंभ घरकमलपाहाणं सुरभिघरबारिपुग्नं पउमुप्पलपिहाणं आविलकंठेगुणं जाष पडिबुद्धा ९॥ कं च णं मई परमप्तरं बहुउप्पलकुमुयमलनलिणसयवत्तसहस्सवत्तकेसरफुल्लोषविय समिणे पासिता ण पडिखुदा १० पत्र व सागर बीईतरंगउम्मीपउरं सुमिणे पासियाण पडिबुया ११॥
१०लिज्जमा अर्वाचीनादर्शेषु ।। २ चमकल से-६॥ ३०दुनियमित पे० प्रा० ॥
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